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________________ सप्टेम्बर - २०१८ १७९ नियुक्ति को भाष्य बहुधा निगल गया यानी दोनों एकमेक में ऐसे घुलमिल गये कि बाद में यह नियुक्ति की गाथा है और यह भाष्य की - ऐसा पृथक्करण कर पाना अशक्य हो गया। ___ परन्तु छोटे छोटे थोडे सूत्रों के उपर साढे छ हजार गाथाएँ विवरण के रूप में लिखी जाय, यह अपने आप में एक चमत्कृति तो है ही, साथ ही साथ इससे 'सूत्र' की गंभीरता का और गंभीर सूत्रार्थों को समझने की - पकड लेने की भाष्यकार महर्षि की प्रचण्ड प्रज्ञा का भी परिचय होता है। वैसे तो भाष्य सूत्र के उपर विवरण के रूप में बना है। परन्तु सूत्रांश का विवरण करने से पहले भाष्यकार ने एक पूर्वभूमिका का निर्माण किया है जिसे 'पीठिका' कहा जाता है। किसी सूत्र के विवरणरूप नहि होने से, यह अंश, भाष्यकार के द्वारा रचे गये एक स्वतंत्र ग्रन्थ जैसा है। ‘पीठिका' रूप इस अंश में, ८०० से भी अधिक गाथाओं में, भाष्यकार ने, सूत्र को पढने-समझने से पहले क्या क्या जानना व सीखना चाहिए, यह बात प्रतिपादित की है। चूंकि यहा उन्हें 'सूत्र' के बन्धन में नहि चलना था, अत: उन्होंने यहाँ अनेक अनेक ज्ञेय विषय लिख दिये हैं। इन विषयों में दार्शनिक बातें भी हैं, और द्रव्यानुयोग के पदार्थ भी हैं। अनेक नई बातें भी हैं, जिन बातों के विषयों को लेकर हमने परिशिष्ट क्र. १ बनाया है। जिज्ञासु वहाँ से ये बातें जान सकते हैं। दूसरा 'बृहद्भाष्य' है, जो कि लघुभाष्य के विवरण-स्वरूप है। उसका भी यहाँ पीठिकांश ही सम्पादित किया गया है। वह अंश १६६२ गाथाप्रमाण है। उसकी चर्चा आगे की जाएगी। पहले कल्पचूर्णि की चर्चा करेंगे। चूर्णि चूर्णि का स्थूल शब्दार्थ सोचें तो 'चूर्णनं चूर्णिः' ऐसी व्युत्पत्ति की जा सकती है। अर्थात् 'चूर्ण करना - चूरा करना' । जिस ग्रन्थ के उपर व्याख्या की जाती हो उस के पदों का, वाक्यों का, गाथाओं का चूर्ण कर देना, यानी उनके अर्थों को - रहस्य को खोलना, यह है चूर्णि । ___ यद्यपि चूर्णि हमेशा संक्षिप्त ही होती है; थोडे शब्दों में बहुत सारा तात्पर्य बता देना उसका प्रमुख लक्षण होता है; कई जगह तो विवरण या व्याख्या करना ही
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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