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________________ १६६ अनुसन्धान-७५(१) साथ भी ऐसा हुआ हो यह संभावना अधिक उचित नहीं ? | इतिहास में एवं प्रमाणों से दो संघदासगणि की सिद्धि नहि हुई है। इसलिए एक ही आचार्य हो, और इन्होंने ही वसुदेवहिंडी - प्रथम खण्ड की तथा बाद में इन भाष्यों की रचना की हो, ऐसा मानने में कोई आपत्ति नहि लगती है। यदि ऐसा मानने में कोई स्पष्ट प्रमाण नहि है ऐसा कोई कहे, तो 'दो संघदासगणि' को मानने में और दोनों का उपरि-कथित पौर्वापर्य मानने में भी कौन-सा प्रमाण है? यह भी पूछा जा सकता है। कल्पचूर्णिकार के विषय में विमर्श __ अब कल्पचूर्णि के कर्ता के विषय में थोडा उहापोह करें । मुनिराज श्रीपुण्यविजयजी से लेकर सभी विद्वज्जनों ने इस चूर्णि के कर्ता को अज्ञात ही माना है। आज तक यह चूणि 'अज्ञातकर्तृक' कही जाती है। __ हमारे विचार से इस कल्पचूणि के प्रणेता वही है जो नन्दीचूणि के प्रणेता हैं, यानी कि जिनदासगणि महत्तर । इस बात के समर्थन में हम कुछ प्रमाण पेश करेंगे। जैसे कि - नन्दीचूर्णि में एक प्रतिपादन आता है जिस में स्थावर - एकेन्द्रिय जीवों के चैतन्य की वृद्धि का क्रम निर्दिष्ट है। यह प्रतिपादन प्रायः अन्यत्र कहीं भी हो ऐसा देखने - जानने में नहीं आया । वह प्रतिपादन इस प्रकार है - "अहवा सव्वजहण्णो अणंतभागो निच्चुग्घाडो पुढविक्काइए, चैतन्यमात्रमात्मनः । तं च उक्कोसथीणिद्धि-सहितनाण-दसणावरणोदए वि णो आवरिज्जति । ... ततो पुढविकाइतेहितो आउक्कातियाण अणंत-भागेण विसुद्धतरं नाणमक्खरं । एवंकमेणं तेउ-वाउवणस्सति-बेइंदिय-तेइंदिय-चतुरिंदिय-अस्सण्णिपंचेंदिय-सण्णिपंचेंदियाण य विसुद्धतरं भवतीत्यर्थः''५७ । ___यह एक महत्त्वपूर्ण और विलक्षण निरूपण है, जो शायद ही अन्यत्र कहीं मिले । मगर कल्पचूर्णि में यही बात निरूपित है – “अतस्तेन थीणगिद्धिसहिएणं णाणावरणोदएणं । तं च सव्वत्थोवं पुढविकाइयाणं । कस्मात् ? निश्चेष्टत्वात् । ततः क्रमाद् यावद् वनस्पतिकायिकानां विसुद्धतरं । ततो परं बेंदियमादी कमविसोही जाव अणुत्तरोववातियाणं, ततो वि चोद्दसपुव्वीणं विसुद्धतरं"५८ |
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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