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________________ सप्टेम्बर - २०१८ १५७ तीसरी बात : कल्प-व्यवहार-भाष्य दो अलग अलग भाष्यग्रन्थ नहि, अपितु एक अखंड भाष्यग्रन्थ है । भाष्यकार ने प्रायः सर्वत्र 'कल्प-व्यवहार' का संयुक्त निर्देश ही किया है । कल्पभाष्य की समाप्ति के बाद, व्यवहारभाष्य के प्रारम्भ के अवसर पर उन्होंने मंगलाचरण आदि का कोई शिष्टाचार नहि किया है। वास्तव में कल्पभाष्य के आरम्भ में आया 'काऊण नमोक्कार' पद ही पूरे भाष्य का अर्थात् इन दोनों भाष्यों का मंगलाचरण है ऐसा मानना चाहिए । अन्यथा, साढे चार सहस्र गाथाओं वाले व्यवहारभाष्य के प्रारम्भ में, इतने बडे शास्त्रकार, मंगलाचरण न करे यह बात बैठती नहीं है। एक और बात : व्यवहारभाष्य में अनेक स्थानों पर भाष्यकार ने गाथाओं में ही कल्पभाष्य का हवाला दिया है कि इस विषय में हमने पहले बता दिया है, अथवा यह विषय कल्पाध्ययन में निरूपित है। उदाहरणार्थ, व्यवहारभाष्य में - वायपरायण कुवितो, चेइय, तद्दव्व, संजतीगहणे । पुव्वुत्ताण चउण्ह वि, कज्जाण हविज्ज अन्नयरं ॥ १२०९/१२२६ ॥२४ यह गाथा है। इसमें 'पुव्युत्ताण' पद है, उसका अर्थ वृत्तिकार ने 'पूर्वोक्तानां कल्पाध्ययनोक्तानां' ऐसा स्पष्ट किया है। अर्थात्, यदि राजा उक्त ४ कारणों से कुपित हो तो, पूर्वोक्त - कल्पभाष्य में बताये गये ४ में से कोई भी कार्य हो सकता अब देखें कल्पभाष्य । वहाँ यही गाथा ५०४२ के क्रम से है२५ । उसकी वृत्ति में 'पूर्वोक्तानां- इहैव प्रथमोद्देशके प्रतिपादितानां' यानी 'कल्पभाष्य में ही प्रथम उद्देश में प्रतिपादित ४ कार्य हो सकते हैं' ऐसा कथन है। वे चार कार्य कौन से? तो वृत्तिकार लिखते हैं "निर्विषयत्वाज्ञापन-भक्तपाननिषेध-उपकरणहरणजीवित-चारित्रभेदलक्षणानां चतुर्णा कार्याणामन्यतमत् कार्यम्' । यानी कुपित राजा के पास जाए तो इन चार में से कोई कार्य होना सम्भव है। अब प्रथम उद्देश में यह बात कहाँ है ? वह भी देखें - पीठिकाखण्ड (वह भी प्रथम उद्देश में ही जो है) में गाथा - ३८९ में - तं पुण चेइयणासे तद्दवविणासणे दुविहभेदे। भत्तोवहिवोच्छेदे, अभिवायण बंध घायादी ॥ ३८९ ।।२६
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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