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________________ सप्टेम्बर - २०१८ ११७ प्रभास-पाटणमां जैन धर्म - हसमुख व्यास पुराण प्रसिद्ध 'सोमनाथ' सामान्य रीते भगवान शिव-सोमनुं धाम-तीर्थ मनाय छे. परन्तु 'सोम' रुद्रनो पर्याय छे तो 'चन्द्र'नो पण वाचक छे. शतरुद्रीय (शुक्ल यजुर्वेद १६-७९)मां 'नमः सोमाय च रुद्राय च' ओ रीते 'रुद्र'नो पण वाचक छे. आ सामासिक शब्दनो विग्रह-उमया सह वर्तमानः सोमः. उमा(पार्वती)नी साथे रहेल' भगवान सोमनाथ ज्यां बिराजे छे ओ 'प्रभास' क्षेत्र अति प्राचीन छे. महाभारतमां सुराष्ट्रनां मुख्य बे नगरोना उल्लेख मळे छ : द्वारका अने प्रभास. म.भा.मां तेने 'तीर्थस्थान' गण्यु छे. अर्जुनना वनवास दरम्यान ते द्वारका तरफ जतो हतो त्यारे प्रभासना प्रदेशमां पण गयेल अने श्रीकृष्ण तेने प्रभास आवी मळेल. पुराण प्रभासने आनर्तसार (आनर्तदेशना साररूप) कहे छे. प्रभास-सोमनाथनी विशिष्टता प्रागैतिहासिककाळ जेटली प्राचीन छे. ___भारतनी त्रण प्राचीनतम धार्मिक परम्परामांनी एक ते जैन. त्रणे मळीने हिन्दुस्तानना प्राचीन धर्मर्नु पूर्ण स्वरूप बंधाय छे.२ वैदिक आर्यसंस्कृतिना निर्माण अने घडतरमा वैदिक अने बौद्ध संस्कृतिओनी जेम अने जेटलो ज जैन धर्मसंस्कृतिनो पण फाळो छे. प्रभास जैनोनुं पण प्राचीन-पवित्र तीर्थ मनाय छे. जैन अनुश्रुति परम्परा प्रमाणे जैनोना प्रथम तीर्थङ्कर श्री आदिनाथना पुत्र कुमार भरतना समयमा स्थापित थयेल, आ अंगेनी विसतृत माहिती कथा 'श्री शत्रुञ्जयमाहात्म्य' (सर्ग ५-८-१३१४)मां वर्णित छ.३ प्रस्तुत ग्रन्थ प्रभासने 'चन्द्रप्रभास' तरीके उल्लेखे छे. आ उपरांत प्राचीन-मध्यकालीन जैन ग्रन्थोमां प्रभासना देवपत्तन, सुरपत्तन, शिवपत्तन, सोमनाथ पत्तन, सोमपुर, देवका पाटण, देवकई पाटणि अने प्रभासपत्तन-पाटण व. उल्लेख मळे छे. स्कन्दपुराण सरखा ब्राह्मणीय ग्रन्थोमां जैन मन्दिरोना उल्लेखनी अपेक्षा राखी न शकवानो वसवसो श्री मधुसूदन ढांकी करे छे. अनो उल्लेख अस्थाने नहि गणाय, परंतु जैन साहित्य-ग्रन्थोमां प्रभासमां जैन धर्मना पुष्कळ प्रमाणमा उल्लेख सन्दर्भ मळे छे. आमांनो सौथी अगत्यनो सन्दर्भ छे, वलभीथी आवेल ने अहीं प्रभासमां प्रस्थापित थयेल प्रतिमाओनो. आने जरा विगते जोईओ :
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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