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________________ गूढा - प्रहेलिका - समस्या - हरियाली - उपा. भुवनचन्द्र गजरातीमां जेने 'उखाणां', 'कोयडा' कहे छे तेने संस्कृतमां प्रहेलिका के समस्या कहे छे. जूनी गुजरातीमां उखाणा माटे 'गूढा' शब्द पण वपरातो. कच्छीमां आजे पण 'पिरोली' शब्द प्रचलित छे जे 'प्रहेलिका' माथी ज ऊतरी आव्यो छे. (एक आडवात : आ पिरोली शब्द कच्छीभाषाना संस्कृतभाषा साथेना निकट सम्बन्धनो एक पुरावो छे.) 'प्रहेलिका'मां मूळ शब्द छे 'हेला', जेनो अर्थ थाय छे क्रीडा, रमत. कोयडा उकेलवा ए जरा जुदी-विशिष्ट प्रकारनी रमत छे ए सूचववा 'प्र' लाग्यो अने एनुं कद नानुं छे ते सूचववा 'इक' लगाडवामां आव्यो... ___ आम, 'प्रहेलिका' एटले बौद्धिक रमत, 'उखाणुं' 'उपाख्यान'मांथी ऊतरी आव्युं छे, जेनो अर्थ हतो 'नानी कथा'. उखाणामां नानी वात होय छे अने तेने सजीवना रूपे रजू कराय . समस्या संस्कृत शब्द छे. अस् = फेंकवू; 'सम्' उपसर्ग लागतां 'सारी रीते मूकवू, सरखं करवू' एवो अर्थ मळे छे. कोयडामां कोइक वात गूंचवीने मूकाय छे, जेने स्पष्ट करवानी होय. आम, 'समस्या' एटले 'सरखी करवा लायक वात'. 'गूढा' एटले गूढ-गुप्त रीते कथन करनारा दूहा. जूनी गुजरातीमां सांकेतिक रीते कोइक वस्तुनुं वर्णन गीतरूपे पण थवा लाग्युं, जेना माटे 'हीयाली' के 'हरियाली' शब्द योजायो. आ शब्द 'हृदय'मांथी आव्यो होय एवो अभिप्राय श्रीजयन्त कोठारीनो छे. हृदयने प्रसन्न करे ते हृदयाली → हरियाली → हीयाली एवी कल्पना थई शके. आवां गीतो पण पुष्कळ मळे छे. एमां कोइक जाणीती वस्तुने नवा ज रूपरंग साथे प्रस्तुत कराय छे जेने परखवामां मानसिक मथामण करवी पडे छे जेमां खूब मजा पडे छे. उखाणां, गूढा, समस्या के प्रहेलिकानी गणना आजे लोकसाहित्यमां थाय छे. प्राचीन कालमां तेनो शिष्ट साहित्यमां ज समावेश थतो हतो. अनेक प्रशिष्ट काव्यग्रन्थोमां अने चरित्रग्रन्थोमां 'समस्या' प्रकारनी रचनाओ जोवा मळे छे. संस्कृत सुभाषित संग्रहोमां प्रहेलिकास्वरूपना अनेक श्लोको सचवाया छे. ___ हस्तलिखित ग्रन्थभण्डारोमा फुटकर-प्रकीर्ण पत्रोमां आवी सामग्री पुष्कळ पडी होय छे. आवां छूटां पानांओमांथी संकलन करीने थोडा गूढा-समस्याप्रहेलिका-हरियाली आदिनो एक संग्रह अहीं प्रस्तुत छे. विद्वानो अने अभ्यासीओने
SR No.520573
Book TitleAnusandhan 2017 07 SrNo 72
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages142
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size9 MB
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