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________________ २१८ अनुसन्धान-७१ - मधुसूदनभाईना जीवननुं आ बहु महत्त्व- पासुं. हीरभरत अने मोतीकाम अंगे पुस्तकिया नहीं, परंतु मूळभूत सूझ धरावता तज्ज्ञो समग्र गुजरातमा २०२५थी वधारे न हता. मधुसूदनभाई आ पैकीना एक अने आवा जाणकारोनीतज्ज्ञोनी वीती गयेली पेढीना अन्तिम अवशेष. जयमल्लभाई साथे अमनो परिचय १९५७थी शरु थयो अने क्रमशः घनिष्ठ बनतो गयो. १९६७ के ६८मां ते ओ बनारस गया अने अढी-त्रण दायका त्यां गाळ्या. 'इन्डियन टेम्पल आर्किटेक्चर'ना वोल्युम तेमनी राहबरी हेठळ अंग्रेजीमां प्रसिद्ध थया. अलग अलग सामयिकोमा तेमना सचित्र लेखो प्रसिद्ध थता, जेनी नकल तेओ पोताना हस्ताक्षर साथे जयमल्लभाईने मोकलता. आवा लगभग त्रीश लेखो अमारा सङ्ग्रहमां सचवाया छे. १९६३ थी १९७६ सुधीना समयगाळाना उपरोक्त लेखो पैकी संगीत विषयक केटलांक लखाणो 'सप्तक अने 'शनिमेखला'मां ग्रन्थस्थ थया छे. मधुसूदनभाईना बे महत्त्वना ग्रन्थो ‘सिलिंग्झ इन ध टेम्पल्स ओफ गुजरात' (१९६३) के जे जयेन्द्र नाणावटी साथे सहकर्तृत्व धरावे छे, अने बीजुं प्रभाशङ्कर सोमपुरा साथे मळीने लखेलुं 'भारतीय दुर्गविधान' (१९७१). जेने मोतीचन्द्र जेवा आरूढ विद्वाननी प्रस्तावना मळेली. मधुसूदनभाई गुजराती, हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, संस्कृत अने तामिल भाषाना जाणकार हता. तेमना पुस्तको तेमज लखाणोमांथी पसार थती वेळाओ तेमनां अभ्यास, भाषावैभव अने भाषानी भभक वांचवा मळे छे. तेमणे टेबल उपर बेसीने नथी लख्यु. पारावार 'फिल्डवर्क' क£ छे, के जेनो आजे महद्अंशे अभाव देखाय छे. शरीर अने मगज पासेथी तेमणे तनतोड काम लीधुं छे. ओ पेढीना विद्वानो माटे आ बाबत सहज हती. वस्तुना मूळ सुधी पहोंचवानी अने हाथमां लीधेला विषयनो ताग मेळववानी वृत्ति, आपणा विद्वानोओ आपणने सोंपेली अणमोल विरासत हती. भारतीय संगीतशास्त्रनी बे प्रमुख शाखाओ ते हिन्दुस्तानी अने कर्णाटकी. मधुसूदनभाई बन्ने परम्पराना ऊंडा जाणकार हता. आ बन्ने संगीत पद्धतिनुं कलासामर्थ्य अने रसानुभूतिनुं तुलनात्मक अध्ययन तेमणे 'आगियो अने सुवर्णभ्रमर' लेखमाळामां आलेख्युं छे. गुजरातीमां आवी तुलनात्मक आलोचना हजी सुधी कदाच असाधारण रही छे. 'ऊर्मि नवरचना'ना जान्युआरीथी मार्च, १९७३ना त्रण अंकोमा उपरोक्त लेखमाळा प्रसिद्ध थई, जेणे सरेराश वाचको अने
SR No.520572
Book TitleAnusandhan 2016 12 SrNo 71
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages316
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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