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________________ १३६ अनुसन्धान-७० सत्ता स्वीकृत न होने से, परमार्थतः सभी ज्ञान अभ्रान्त ही होते हैं - ऐसा स्वीकार नहि किया गया । ___निम्बार्काचार्य - जीव, ईश्वर और सभी अचेतन पदार्थों में परस्पर भेदाभेद है । अतः शुक्ति और रजत में परस्पर भेद भी है व अभेद भी । शक्तिस्थल में होनेवाले 'इदं रजतम्' ज्ञान में, शुक्तितादात्म्येन रजत का प्रतिभास होने से, दोनों में अभेद का दर्शन करने वाला यह ज्ञान प्रमात्मक ही है । फिर भी वह ज्ञान भ्रमात्मक इसलिए कहा जाता है कि शुक्ति और रजत में जैसे अभेद है वैसे भेद भी है और वह ज्ञान भेद को न दिखाकर केवल अभेद दिखा रहा है । जब कि शुक्ति में शुक्ति का केवल अभेद है, और शक्तिस्थल में उत्पन्न 'इयं शुक्तिः' इस ज्ञान में वह अभेद ही अध्यवसित होता है, अतः इस ज्ञान को 'प्रमा' गिना जाता है । वल्लभाचार्य - जिनमें चित्त्व और आनन्दवत्त्व आवृत है ऐसे ब्रह्म के परिणाम ही जड पदार्थ कहे जाते हैं, लेकिन ब्रह्म का सत्त्व तो उनमें भी अनुस्यूत ही रहता है । ये जड परिणाम दो तरह के हो सकते हैं, एक कारणों की विकृति से जन्य, दूसरे कारणों में परिवर्तन न होने पर भी उत्पन्न होने वाले । शुक्तिरूप ब्रह्मपरिणाम अपने कारणों में परिवर्तन होने से उत्पन्न होता है (जैसे दूध से दहीं), और शुक्तिस्थल में कारणों में परिवर्तन की अपेक्षा न रखते हुए ही रजतात्मक ब्रह्मपरिणाम होता है । ये दोनों परिणाम सत्त्वात्मक ब्रह्म के होने से सत् ही हैं, उनका ग्रहण सत्ख्याति होने से परमार्थतः यथार्थ ही होता है । ज्ञानों में जो भ्रान्ताभ्रान्त-विवेक होता है वह, ब्रह्मपरिणाम जिन कारणों की अपेक्षा से उद्भूत है उनकी विकृतिअविकृति को ध्यान में रखते हुए व्यावहारिक दृष्टि से किया जाता है । ___ इनके अलावा भी अचिन्त्यभेदाभेदवादी आदि आचार्यों की अपनी अपनी तत्त्वविभावना की अनुकूल ख्यातियाँ है । ये सब ख्यातियाँ किसी ना किसी तरह पूर्वोक्त ख्यातियों में समाविष्ट हो जाती हैं । अतः उनके खण्डन से इनका भी खण्डन हो जाने के कारण इनके खण्डन के लिए पृथक् प्रयास प्रायः दिखाई नहीं देता ।
SR No.520571
Book TitleAnusandhan 2016 09 SrNo 70
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages170
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size11 MB
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