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अनुसन्धान-६९
घरि अह जइ कुमर भणइ राजा प्रति स्वामी वयणे अवधारी दसरथ नयर जोई करी छोडावं ते नारि... ६९
॥ चउपई ॥ नदी पूर उपसमुं जेतलइ, श्रीभाई ऑव्युं तेतलइ; , कुमरतणा चरण प्रणमेउ, कहइ वात कर जोडी बेउ... ७० ओ बिन्हे नारी तुम्ह वरो, साला बहिनेवी सगपण करो; उच्छक लगन लीयो तिण वार, ओतलइ परणी ते बिन्हे नारि... ७१ ततखिण कुमर कटक मेलंति, आणंदपुर कागल मेहंति; सेन्या लेई साला आवीया, गय पाखरी तुरी सज्ज कीया... ७२ लेई कटक कुमर चालीयो, श्रीचंद राजा साथें थयो; राजा राणा तेडाव्या बहू, कटक मेल्या तिण अवसरि सहू... ७३ ढमढम बाजइ ढोल असंख, उंउं मंगल बाजइ संख; .. रिरि सरणाई बाजंइ तूर, मिल्या सुभट गहिगहिया सूर... ७४ गामि गामि आवई भेटणा, दान मान तसु दीजई घणा; देसमांहि दिवरावी धीर, पुहुतो दसरथपुर गंभीर... ७५ दीठो नगर चिहुं दिस फिरी, रह्यो कटक तिह कह करी; पापबुध ते राइं सुणी, दल बीटी सीख दीधी घणी... ७६ गइवर रहवर तुरिय पाखरया, अंग रंगाउलि सज करया; चालो पापबुध सामिही, हय गय पायक संख्या नहि... ७७ जिमें तुरंगमि दीधुं पाय, तउ आडी ऊतरी बलाय; हाथ लीया हथियारह जाम, साहमी छींक हुई ते ताम... ७८ कटक लई ते सांचों, तिम कागे कोलाहल कर्यो; डाबी भयरव तउ कलकली, धूंधाती छाणी तसु मिली... ७९ जमणी देव टहूको करइ, नागराज आडो ऊतरइ; ओक भणइ ओ मरसे आज, ओक भणइ ओ जास्ये राज... ८० पापी जई सही किमे न थाय, भय भंगाणा पडीया नाय; अणकनकन बलीयो अबूझ, पोलें आवी मांड्यो झूझ... ८१ बिहूं दले मिलावो हूवो, सुभट झूझवा माग्यो दूउ; परदल भडवा जे भजस्यइ, तेहनों ठाकुर सही लाजस्यइ... ८२