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अनुसन्धान-६९
मोहोब्बतरांम बहो गुणी है दल लिखत अमृतरांमजू,
रांमदयाल सु ग्यांन हैं कर चतुर सेवारांमजू... १०६
(प्रथम धर्ममूर्ति अवा मुनिवर खिम्यारामजी छे, पंच मुखीमां नाम धरावता संतोषदासजी, साधु पुरुषोना संशय हरनारा निःसंशयरामजी, वस्त्र रहित अवा कवि बगशीरामजी, राम राममां रत रहेनारा वैराग्यवान अवा मगनीरामजी, दरेकना रोग हरनारा वैद्य रामविलासजी, श्याम वस्त्रोमां सदारामजी, लेखक
ओवा लज्यारामजी, जेनुं पंडितोमा नाम छे ओवा दृढ चित्तवाळा धर्मदासजी, दरेकने हेत करीने निर्दोष करनारा हेतमदासजी, चर्चामां प्रवीण अने तमामने प्रसन्न करनारा ओवा रामकृस्यालजी, सुशीलसाधु रामनिवासजी, अद्भुत वातो करवामां प्रवीण अवा कारजरामजी, त्रण गोविंदराममांना अक संस्कृत अने प्राकृत प्रत्ये जेना हृदयमां विवेक छे, बेउ उगतरामजी, खेमदासजी, भजनिक मेवारामजी, मन हरनारा रामलालजी, वाणीनो पाठ करनारा चतुर शिवरामदासजी, श्रण करनारा हेमदासजी, फोजमां आगेवान जेवा विदेही भलारामजी, जेमणे वस्त्रोनो त्याग कर्यो छे अवा सुजान सावंतरामजी, बीजा सारी वातो करनारा गोविंदरामजी, मुखेथी न्याय कहेनारा (जेमने समग्र न्यायग्रंथो कंठाग्रे छे) अवा रामप्रसादजी, बहु गुणो धरावनारा महोब्बतरामजी, साधुदळ लखनारा अमृतरामजी, ज्ञानी अवा रामदयालजी अने चतुर ओवा सेवारामजी.) छंद - पधरी -
हाजर निवेसज ग्रांमदास, निति हजूर के रहत पास, पुनि अती ओ जांन गोबिंदरांम, परमेश्वरदास बिनि सरै न काम, नोनिधिरांम नो निधि जान, अह हजूर्ये कहे हैं मान... १०७
(स्थानमां हाजर अवा ग्रामदासजी जे नित्य गुरुनी पासे ज रहे छे, ओ सिवाय गोविंदराम, जेना विना कोई काम सरे नहीं ओवा परमेश्वरदास, नव निधि समान नोनिधिरामर्नु पण गुरुजी पासे मान छे.) चोपाई -
करणांरांम पुनि कनीरांमजू, गंगारांम घण रांमनांमजू, तिरपतरांम सरूप प्रकासा, कोमलरांम राम ही दासा... १०८