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नवेम्बर - २०१४
२३५
अनुसन्धान-६५
(२१) साणन्द बिराजमान विजयमहेन्दसूरिजीने
सीणोरथी हिम्मतविजयजीनो पत्र
कदाच साणन्दना सङ्घने रीस चढे तो तेमने य सीणोर मोकलशो एम जणावी कवि स्वनामोल्लेखपूर्वक पत्रान्ते खामणा आपवा द्वारा पत्र पूर्ण करे छ । पत्नी रचना पं. न्यायविजयजीना शिष्य हिम्मतविजयजीए करी छ।
शब्दकोश
प्रस्तुत पत्र साणन्द बिराजमान विजयमहेन्द्रसूरिजीने उद्देशीने सीणोरना सङ्घ द्वारा मोकलायो छे । पत्रनो आगळनो भाग खण्डित होइ मंगलाचरण, साणन्दनगरना वर्णननो, गुरुगुणवर्णननो अंश पत्रमा मळतो नथी । पत्नी शरुआत 'गझल'मां सीणोर शहेरनी वर्णनाथी कराइ छ । फारसी मिश्रित गुर्जरभाषामा अनुक्रमे वहीवटदारोर्नु, व्यापारीओर्नु, लोकव्यवस्थानु, स्थानोल्लेख साथे जिनमन्दिरोनं, तथा उपाश्रयोन वर्णन पद्यबद्ध आलेखायुं छे । त्यार पछीनी ढाळमां सीणोरक्षेत्रमा चातुर्मासार्थे पधारेल पं० न्यायविजयजीना चोमासामां थयेल सूत्रवाचनादि विगतोनो तेमज मुनिश्रीना गुणोनो सक्षेपमा अहेवाल अपायो छ। गद्यपत्रनी शरुआत गृहस्थोना नामोल्लेख साथेनी वन्दना उल्लेखित करवा द्वारा कराइ छ । त्यान पछीनी विगतोमां फरी चातुर्मासिक आराधनानं वर्णन जोवा मळे छ । पूज्यश्रीने वन्दन करवा माटेनी उत्कण्ठानुं वर्णन करी पूज्यश्रीनी निश्रामा रहेला मुनिवृन्दने वन्दना निवेदन कर्या बाद सीणोर सङ्घना अन्य श्रावकोनी वन्दना जणाववा पूर्वक कवि गद्यपत्रालेखन पूर्ण करे छे । 'कांना तु तो...' ए देशीमां सीणोरनगरनु, त्याना राजा भाउ(?) तेमज अन्य पदाधिकारीओनू, जैनेतरमन्दिरो विगेरेनुं सुन्दर वर्णन करे छ। हरनाथ चिकित्सकनी नोंधने आ पत्नी विशेषता कही शकाय । त्यार पछीनी देशीमां सूरिजीना गुणोनी वर्णना करी श्रीसङ्कमा तेमना पधारता थनारां अनुष्ठानोनी विगत जणावी चातुर्मासार्थे पधारवा विनन्ति करे छ । फरी सूरिगुणस्तवना पछीनी ढाळमां आलेखी सूरिदर्शन-वन्दननो उल्हास कविए पद्यबद्ध रजू को छे। साणन्दना कपटी राजा, मीठा बोला मन्त्री तेमज अन्य प्रतिष्ठित श्रावकोए गुरुजीने भोळवी त्यां राखी लीधा छे एवा भावो रजू करी सूरिजीना सहवर्ति मुनिओने कटाक्षपूर्वक ते नगरनो त्याग करवा अने सीणोर पधारवा विनन्ति करे छ । अहीं पधारता कावी, जम्बूसर विगेरे तीर्थोनी यात्राओ थशे, सङ्गमां घणां अनुष्ठानो थशे ए वात भारपूर्वक आलेखे छे । साणन्दना अवर्णवादथी जो
१. बाडव = ब्राह्मण
२३. गिल्लांक =? २. बहोतर = घणी
२४. कनफटे = कानमां मोटुं कुंडळ ३. खेवट = सुकानी
पहेरनार वैरागी ४. गिल्लाक = शस्त्र मुकवानो २५. शेख = मुसलमानोनी एक जात ओरडो(?)
२६. कबिला = परिवार ५. कमठान = सरसामान
२७. जेदे = ? ६. बंकाक = बहादुर
२८. अडअलमस्त = मस्तान(?) ७. प्याजीक् = फोक्का पडवू (डुंगळीना २९. देदे = आपी दे रंग जेवा)
३०. तालाक् = ताळु ८. अदल = बराबर
३१. तालमखांन = नृत्यशाळा ९. नायव = राजकाजनो मददगार ३२. ठाढीक = मोटी(?) अधिकारी
३३. खलक = सर्वजातना १०. कोरोडी = ?
३४. हठवाडेक = दुकान ११. पायगां = सैनिको
३५. ठाढ़ेंक = मोटा १२. जालम = निर्दय
३६. नीक = प्रवाह १३. हन्नोज = ?
३७. बरनीक = भरेली(?) १४. कांहन = बूम
३८. किचोलीक = कचोका १५. तोराक = रोफ
३९. पडदेक = अंगरखानो पडदो १६. मुखताक = मुख्य पदार्थों ४०. खुडदेक = परचूरण, मोटा सिक्कानी १७. नईयतां = नीयत
किंमतना नाना सिक्का १८. भिडतेक = लडे
४१. गज्जीक = गंजी (जथ्यो) १९. बहोतेरेक = घणा
४२. हेरीक = विगत २०.ठोर = जग्या
४३. बन = बनीने २१. ओलाओल = लगोलग ४४. रत = तल्लीन २२. मुजब = धर्म (मजहब परथी) ४५. छीक = चकित