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________________ १४० अनुसन्धान- ६३ आथाणो आथवो पडे तो वरस १ मण ५, तथा कार्जे मण १०. नीलोत्री सचेत मांहेथी अचेत करवी पडे तो रोज १, मण ना, तथा सेर - २५. चोपाने चरो नीरवो पडे तो रोज १, कोरी १० नो ते नीलोने सुकलनो आगार. सुकि वनस्पतिनो मांन कीधो छे तेनी विगत छें धांन रांधवो पडे तो रोज १, माणा ४ तथा नाने मोटे कार्जे सई २. धांन दलवो पडे तो रोज १, फालो पाली ८ नाने मोटे कार्जे माणा २, उपरांत पचखांण. धांन भरडवो पडे तो रोज १, सई २, उपरांत पचखांण. तथा कार्जे सई ४, धांन पलारवो पडे तो रोज १, सई ८, नाने मोटे कार्जे कलसी था तथा हारा: धांन सोजवो पडे तो रोज १, सई २, • तथा नाने मोटे कार्जे कलसी १, तथा हारा:. धांन खांडवो पडे तो रोज १, सई ना, कार्ये कलसी ०ा. धांन रांधवो पडे तो रोज १, सई १, कारयें सई२ तथा कलसी वा उपरांत पचखांण छें. श्रीफल भांगवां पडे तो रोज १, नंग ५, त्रोफा सोपारी भांगवी पडे तो नंग ५०, नाने मोटे कार्जे नंग १००, उपरांत पचखांण छें. कपासीया बाफवा पडे तो रोज १, मण २, गोवार पलारवो पडे तो रोज १, सई ०गा, काला फोलवा पडे तो रोज १, मण० बीजा वसाणा छूटक रोज १, सेर १०, कार्जे मण ३, उपरांत पचखांण. बीजा फल सूकां भांगवां पडे तो रोज १, सेर १०. एणी रीतें ५ थावरनो मांन कीधो छें. तेमां कारज कारण विशेषनों तथा अग अपयोगनो तथा परवसपणानो आगार छें. एवइ मध्ये बोल काढवो Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520564
Book TitleAnusandhan 2014 03 SrNo 63
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2014
Total Pages198
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size14 MB
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