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________________ 16 इत्यादि. काव्यात्मक कल्पनाओनो तो तेमनी पासे जबरो भण्डार छे, एम एक एक श्लोकमांथी पसार थईए तो ख्याल आवे छे. पद्य २९मां सूर्य, अन्धकार, रात्रि-त्रणेने सांकळीने करेली अतिव्यवहारु लागे तेवी कल्पना केवी हृदयवेधी छे ! तो ३०मा पद्यमां पोते भगवतीसूत्रनुं वांचन करे छे, ते सूत्र माटे, २ लाख ८८ हजार 'पद' धरावतुं सूत्र होवा छतां ते 'चलन' (हलचल) नथी करतुं एवो विरोध दर्शावीने कविए केवी चमत्कृति साधी छे ! ३०-४३ मां पर्युषण अने धर्मकार्योनुं वर्णन छे. ४४-५३मां तातपाद - गच्छपति प्रत्ये विज्ञप्ति-निवेदन छे. ५४-५९मां गच्छपति साथेना मुनिवरोने नामपूर्वक वन्दनादिनुं निवेदन छे. ६० थी ६३मां पोतानी जोडेना मुनिओनां नाम, तेमनी तथा सङ्घनी वन्दना निवेदन अने समापन छे. आ पत्र मुनि श्रीधुरन्धरविजयजीना सङ्ग्रहमांथी मळ्यो छे. (८) - १११ श्लोकोमा विस्तरतो आ पत्र वटपल्लीपुरे स्थित पं. श्रीमेरुविजय गणिए राजधनपुरे विराजता गच्छपति श्रीविजयसेनसूरि उपर लखेल विज्ञप्तिपत्र छे. आखो पत्र पांच छन्दोमय पद्योमां आलेखायो छे. वटपल्ली ते वडाली, अने राजधनपुर एटले राधनपुर. ___ १५ पद्योमा मङ्गलाचरण, १६-३२ पद्यो द्वारा राधनपुर- वर्णन, ३३३६मां वटपल्लीनुं वर्णन, तेमां श्रीविजयदानसूरि-परमगुरुनी चरणपादुकाथी ते अलङ्कृत होवानो उल्लेख (३३) तेमज त्यां श्रीशान्तिनाथ, श्रीपार्श्वनाथ, श्रीमहावीरजिन - आ त्रण प्रभुनां त्रण (?) जिनालयो होवानो उल्लेख (३४) दस्तावेजी विगतो आपे छे. परमगुरु श्रीविजयदानसूरिनी समाधि वडालीमां थई छे ते तो ऐतिहासिक घटना छे ज, ते आ उल्लेखथी स्मरणमां आवे. ३६-३८मां पत्रलेखक पोतानुं वर्णन करतां विज्ञप्तिनुं निवेदन करे छे, तेमां लेखके पोताने 'अतनुमूर्खमुख्यः' तरीके ओळखाव्या छे ते ध्यानार्ह छे. दिवस ऊगे त्यारे सर्जाती विविध स्थितिओनी वात करतां, श्रावकवर्ग पण त्यारे धर्मकरणी करवा सज्ज थाय छे ते वात बहुज रुचिर रीते थई छे (३९१. चलन-चरण. पद छे छतां चरण-चलन नथी; अर्थात् 'अचल' छे; तेनो अर्थ अविचल ज रहे छे. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520562
Book TitleAnusandhan 2013 07 SrNo 61
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2013
Total Pages300
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size5 MB
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