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________________ १५२ अनुसन्धान-५६ दंसणगुणप्पमाणे । चक्खुदंसणं चक्खुदंसणस्स घडपडकमरहाइएसु दव्वेसु । अचक्खुदंसणं अचक्खुदंसणस्स आयभावे । ओहिदंसणं ओहिदंसणस्स सव्वरूविदव्वेहिं, न पुण सव्वपज्जवेहिं । केवलदंसण केवलदसणस्स सव्वदव्वेहि अ सव्वपज्जवेहि अ । से त्तं दंसणगुणप्पमाणे ॥" - अनुयोगद्वार । स्पष्टतः अत्रे दर्शन- विषयक्षेत्र सामान्य अंश करतां घणुं विशाळ देखाडायुं छे. अवधिदर्शनना विषय तरीके सर्व रूपी द्रव्योना अमुक पर्यायोनो अने केवलदर्शनना विषय तरीके सर्वद्रव्योना सर्व पर्यायोनो निर्देश खास खास ध्यानपात्र छे. कारण के पर्याय अटले विशेष, अने प्रचलित व्यवस्था तो दर्शनमां विशेषोनुं ग्रहण स्वीकारती ज नथी. आ उपरान्त बीजी पण अनेक विसंगतिओ आ परत्वे दर्शावी शकाय; परन्तु आ बधा परथी समजवानुं अटलुं ज छे के प्रस्तुत ज्ञान-दर्शननी विचारणा परिवर्तनीय छे. ते परिवर्तन विशे अत्रे विचारनुं प्राप्त छे. जो के ते पूर्वे 'दर्शन' अंगे केटलाक अन्य मतो उपलब्ध थाय छे ते जोइ लेवा जोईए - ★ "लिंग- चिह्नने आश्रयीने थतो बोध ते ज्ञान अने लिंगना आश्रयण वगर थतो बोध ते दर्शन." आ मत तत्त्वार्थसूत्र-२.९नी सिद्धसेनीय वृत्तिमां अपरमत तरीके निर्दिष्ट छे. आपणने अग्नि देखातो न होय तो पण धूमाडा जेवा लिंगनी मददथी आपणे तेने जाणी शकी); परन्तु अग्निने जोइओ त्यारे ओ जोवामां लिंगनी कशी जरूर नथी पडती. आम दर्शन माटे लिंगनी जरूर नथी, पण ज्ञान माटे छे - आवी विचारणा आ मतनी जनक लागे छे. अनुमान सिवायनां तमाम ज्ञानो आ रीते 'दर्शन' थइ जतां होवाथी आ मत अयुक्त ठरे छे. ★ "वर्तमानकालीन वस्तुनो बोध ते दर्शन अने त्रैकालिक वस्तुनो बोध ते ज्ञान." आ मत पण तत्त्वार्थसूत्र-२.९नी सिद्धसेनीय वृत्तिमां ज अपरमत तरीके निर्दिष्ट छे. वस्तु वर्तमानमां होय तो ज तेने जोइ शकाय; बाकी वस्तु भूतकालीन के भविष्यत्कालीन होय तो तेने जाणी शकाय, जोइ न शकायआवी विचारणा पर आधारित आ मत लागे छे. त्रिकालविषयक अवधिदर्शन अने केवलदर्शन आ व्याख्या मुजब 'ज्ञान' ज गणाइ जतां होवाथी आ मत पण अयुक्त लागे छे. १. अभिधानराजेन्द्रकोश-४. पृ. २४२८ पर उल्लिखित.
SR No.520557
Book TitleAnusandhan 2011 09 SrNo 56
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2011
Total Pages187
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size115 KB
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