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________________ डिसेम्बर २०१० मन्त्रीए स्तम्भतीर्थमां राख्यो हतो तेम जणावीने नोंधे छे के गुरु महाराजे चंगदेवने दीक्षा आपीने तेनुं नाम 'सोमचन्द्र आप्युं हतुं. पछीथी ते पोतानी २१ वर्षनी उमरे आचार्यपद प्राप्त करे छे त्यां सुधीना आशरे १६ वर्षना गाळानी तेमना जीवनविषयक कोइज माहिती मळती नथी. ओवो सम्भव नकारी न शकाय के आवी माहिती, हजी अप्रगट ओवी असंख्य हस्तलिखित पोथीओ ग्रन्थभण्डारोमां प्रकाशननी राह जोती पडी रही छे तेमां क्यांक दटायेली होय ! बीजूं, तेमना अनेक प्रकाशित ग्रन्थो छे तेमां पण आवी माहिती छुटी छवाई वेरायेली पण पडी होय ! खोज छे अभ्यासी अने खांखतिया धूळधोयानी, परन्तु हवे पं. सुखलालजी, मुनि जिनविजयजी, पण्डित बेचरदासजी, पण्डित मालवणियाजी अने डॉ. भायाणीना मार्ग पर चालनारने क्यां शोधवा ? केम शोधवा ? आवा धूळधोयाओना अभावे भावि गुजरातना संस्कार अने भाषा-साहित्यजगत पर घेरो प्रभाव मूकी जनारा एक महामानवना जीवनना घणाभागना अधिकृत वृत्तान्तथी आपणे अनभिज्ञ रह्या छीओ. आचार्य पद मेळवतां पूर्वे आ महामानव थवा सर्जायेला सोमचन्द्रे केवी रीते प्रवृत्ति करी हशे ? तेमनी दैनिक प्रवृत्ति केवी हशे ? शा शा विषयोनो अभ्यास कइकइ पद्धतिओ को हशे ? तेमना सहपाठीओ कोणकोण अने केवाकेवा हशे ? तेमनी जिज्ञासावृत्तिने कयाकया मुनिमहाराजो अने सूरीश्वरोजे कइकइ रीते उद्दीप्त करीने केवीकेवी रीते तृप्त करी हशे ? आ बधी बाबतो विषे आ गाळानी कशी ज अधिकृत माहिती आपणने मळती नथी. आथी अम मन वाळवू रहे छे के तेमणे व्याकरण, शब्दकोश, काव्य, तत्त्वज्ञान, इतिहास वगेरे अनेक विषयोना हेमचन्द्राचार्य तरीके ग्रन्थो लख्या तेनी पूर्वतैयारीमां आ वर्षोमां सखत परिश्रम कर्यो हशे ! आना परिपाकरूपे गुरुदेव देवचन्द्रसूरिओ सोमचन्द्रने आचार्यपद पर स्थापवा निश्चय कर्यो होय तेम बने. सोमचन्द्रने आचार्यपद : सोमचन्द्रने गुरुदेव आचार्यपदे स्थापे छे ते वि.सं. ११६६ (ई.स. १११०)ना वैशाखमासनी सुद त्रीज अटले के अखात्रीजनो दिवस हतो. आ दिवसे देवचन्द्रसूरिओ, मङ्गलवाद्योना रेलाता सूरोनी वच्चे सोमचन्द्रने कानमां सूरिमन्त्र संभळावीने, मध्याह्न समये पोतानी कन्था ओढाडीने पोता- आचार्यपद
SR No.520554
Book TitleAnusandhan 2010 12 SrNo 53
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages187
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size845 KB
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