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________________ अनुसन्धान-५३ श्रीहेमचन्द्राचार्यविशेषांक भाग-१ समय व्यतीत थतो जाय छे तेमां अक दिवस आशरे पांच-छ वरसना थयेला पुत्र चंगने लईने पाहिनीदेवी गुरुवन्दना करवा देवचन्द्रसूरि पासे उपाश्रयमां आवी. दरमियानमां बाळक चंग तेनी पासेथी क्यारे जतो रह्यो तेनी तेने खबर न रही. चंगदेवने शोधवा माता आमतेम जुओ छे तो, तेणे चंगदेवने आचार्य देवचन्द्रसूरिजीना आसन पर बेठेलो जोयो ! आ जोईने माताना हृदयमां शा भावो थया हशे ते आपणे जाणता नथी, परन्तु आ दृश्य जोईने देवचन्द्रसूरिजीओ तेने पूर्वना स्वप्ननी वातनी याद अपावीने धर्मासन पर बेठेला आ तेजमूर्ति बाळक तरफ आंगळी चींधीने पाहिनीने जणाव्यु के तेनो आ बाळक योगी थवा सर्जायेलो छे. चंगदेवने धर्मशासनने अर्पण करी देवा गुरुदेवे पाहिनीने समजावी. पाहिनीनो जीव धर्मपरायण हतो तेनी साथोसाथ तेनामां बाह्य धर्मलक्षणो करतां साचा धर्मनी ऊंडी सूझ हशे तेम जणाय छे. धर्ममां दृढ श्रद्धा धरावनारी माता पाहिनीओ, अडग मन करी,धर्मशासनना रक्षण-संवर्धन अर्थे देवचन्द्रसूरिजीना चरणोमां मूकी दीधो ! चंगदेवने साथे लईने गुरु महाराज, आजनुं खम्भात जे ते वखते समृद्ध स्तम्भतीर्थ नगरी नामे ओळखातुं अत्यंत जाहोजलालीवाळु नगर हतुं त्यां विहार करी गया. त्यां आवीने देवचन्द्रसूरिजीओ आ बाळकने दण्डनायक उदयनने सोंप्यो. __ आ तरफ व्यापार-सफरमांथी घरे पाछा आवीने पिता चाचे पत्नी पासेथी चंगदेवनी वात जाणी. तरत ज स्तम्भतीर्थ दण्डनायक उदयन पासे जई पोताना बाळकनी मागणी करी. उदयने, आ बाळक ओक युगदृष्टा ओवो महान पुरुष थवा सर्जायेलो छे ते विषेनी अनेक दलीलो द्वारा पिता चाचने समजावतां, आखरे तेनो स्वीकार करीने पुत्र चंगदेवने धर्मशासन अर्थे गुरु देवचन्द्रसूरिने सोंपी दीधो. गुजरातनी ऊभी थयेली अस्मितानी पाछळ आवा त्यागनी अनेक जाणीती-अजाणी आख्यायिकाओ पडेली छे ! चंगदेवमांथी सोमचन्द्र : ___चंगदेव, गुरु देवचन्द्रसूरि पासे खम्भातमां रह्यो. पछीथी तेनी दीक्षानो उत्सव उजवायो. तेनी दीक्षा क्यां थई छे ते बाबतमां मतैक्य नथी. एक मत अनुसार दीक्षा महोत्सव मारवाडना नागोरमां उजवायो हतो. बीजी बाजु, प्रभाचन्द्रनो प्रभावक चरित ग्रन्थ, आ महोत्सव उदयन
SR No.520554
Book TitleAnusandhan 2010 12 SrNo 53
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages187
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size845 KB
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