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________________ डिसेम्बर २०१० राजा - राजन्, भूपाल, पार्थिव लोक - प्रजाजन वटेवाउ - अध्वनीन सइबलु - पाथेय पालु - पादचारण प्राहूणुं - प्राधूर्णक गामड - ग्राम्य नगरीनुं - नागर हासु - हास्य रीस - रोष ऊजम - उद्यम [] - भयभीत बीहामणुं - भयङ्कर परसेवु - प्रस्वेद आसौ - अश्रु लाज - व्रीडा निद्रा - प्रमीला आलस - तन्द्रा दयावणुं - दीन वइराग - वैराग्य वात - वार्ता नाम - नामन्, अभिधान तेडउं - आत्मा(आका)रण सम - शपथ ऊतर - उत्तर पूछ - पृच्छ, पृच्छा असोई - अपश्रुति साचुं - सत्य, तथ्यम् कूडउं - कूट, अलीकम् पडवडउं - स्फुट-प्रकट नीठर - निष्ठुर लू - रूक्ष गालि - आक्रोश आसिस - आशिका(ए) उलंभु - उपालम्भ रोईq - रुदनम् संदेसु - वाचिक आण - आज्ञा गीत - गेय नाच - नृत्य, लाश(स्य) वाजां - वाजिंत्र(वादित्र) तूर - तूर्य मादल - मृदङ्ग भेर - भेरी ताल - ताला जालर - झल्लरी स्वर्ग - सुरालय देव - निर्जर सूर्य - सहस्रांशु तावडउं - आतप झाझूआ - मृगजल पारीयास - परिवेष चंद्र - विधु अहिनाण - अभिज्ञान चाद्रणुं - चन्द्रातप अज्वाली रात्रि - ज्योत्स्ना रात्रि पडवे - प्रति[पत्] बीज - द्वितीया
SR No.520554
Book TitleAnusandhan 2010 12 SrNo 53
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages187
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size845 KB
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