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डिसेम्बर २०१०
रामति क्रीडा [बकोर] बर्कर
गोई गोसली - गोप्यशलाका
दडउ कन्दुक
पासु अक्ष, देवकन(देवन)
जु - यतः
हीडोलु - दोलन झीलणुं – जलकेलि
वटवालणुं - वर्त्मपात्रं (पालनम्) द्विघडं (घटकम्)
बहेडउं
घरट्ट
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घरटउ
अरहिट
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कू
[कूपः]
वावि वापी
खडोखली दीर्घिका
तलाव तटाक, सरस्
नइ समद्र अम्भोधि
द्र[ह] हूदः
-
अरघट्ट
-
1
तट
बूसट - चपेटा
चुहडी - चंचुप (पु) टिका
कावडि(जि) - कायमादनी (कायाटनी)
लिपसणुं - लपसावनं (लिप्स्यायनम्)
पटंतरुं
डोक
छीडणि
छेकडि छिद्रक
सीराम [णुं]
शीताशन
सुडि - संवृति (तपटी)
सीरख शीत[र]क्षा
तलाई
तूलिका
सन्धिकम् वेगडउ विकटशृङ्ग
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—
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जमाई नदी, नम्निका (निम्नगा)
उ(ऊ)सीसुं
सेलावटउं
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उपशीर्ष
शिलाव (प) ट
खाडाइतुं – खंगाइतूं (खड्गवित्त) भथाइतुं भस्त्रवित्त बगाई - जंभाईका (जृम्भिका) गूहली गोमयफलिका (गोमुखा) कोसीधुं (टुं) - कोषसमृद्धि (द्ध?)
यामत्रय (जामातृ?) भाई भ्रातृ, बन्धु पिता – पितृ, जनक
माता
मातृ, जननी तनय, सुत
तनया, सुता
प्रत्यन्तर
डोलकर
छिद्राटनी
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पुत्र
पुत्री
फुई - पितृष्वसा
गरढउ गतार्धवयम्
मासी - मातृष्वसा
वछीआइत
पीतसं
पितृव्य
वस्तुवंत (वित्त) उ(ऊ)सलसीधुं उश्र (उल्लसित) - माउलुं - मातुल
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भाणेज - भाज्ञे (गिने) य:
भत्रीजु - भ्रातृव्य