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________________ १७२ माहिती : अनुसन्धान - ५३ श्रीहेमचन्द्राचार्यविशेषांक भाग - १ हेम - समारोह तथा संस्कृत - पर्वनो हेवाल अमदावादमां योजाई गयो गुजराती भाषा - साहित्यना त्रण मूर्धन्य साहित्यकारो - संशोधकोने हेमचन्द्राचार्य-चन्द्रक अर्पण करवानो समारोह डॉ. निरंजन राज्यगुरु कलिकालसर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्य जेवी विश्ववन्दनीय विभूतिना नाम अने काम साथै सम्बन्ध धरावता अने पूज्यपाद आचार्यश्री विजयसूर्योदयसूरीश्वरजी महाराजनी प्रेरणाथी स्थपायेला ट्रस्ट 'कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्य नवमजन्मशताब्दी स्मृति-संस्कार - शिक्षणनिधि 'ना उपक्रमे, पूज्य आचार्यश्रीना मार्गदर्शनानुसार चाली रहेली विविध ज्ञानवर्धक प्रवृत्तिओमांनी ओक प्रवृत्ति ते आपणा साहित्य अने संस्कृतिनी अमूल्य सेवा करनार विशिष्ट प्रतिभासम्पन्न विद्वानोने 'श्रीहेमचन्द्राचार्य - चन्द्रक' अर्पण करीने तेमनुं बहुमान करवानी छे. भूतकाळमां पं. श्री दलसुखभाई मालवणिया, डॉ. श्री हरिवल्लभ भायाणी, श्री शान्तिभाई शाह, श्री उमाकान्त शाह, श्री नगीनभाई शाह, श्री के आर. चन्द्रा, श्री सत्यरंजन बेनरजी, श्री जयन्त कोठारी, श्री मधुसूदन ढांकी, श्री लक्ष्मणभाई भोजक वगेरे दस जेटला भारतीय कक्षाना विद्वानोने आ चन्द्रक अर्पण थयो छे. ते शृङ्खलामां आगळ वधतां ता. ९-१० - २०१० आसो सुदी बीज वि.सं.२०६६ना रोज शेठ हठीसिंहनी वाडी, शाहीबागना उपाश्रयमां, पू. आचार्यश्रीना सान्निध्यमां गुजराती भाषा - साहित्यना त्रण तेजस्वी विद्वानो सर्वश्री कनुभाई जानी, लाभशंकर पुरोहित अने डॉ. हसुभाई याज्ञिकने ‘हेमचन्द्राचार्य-चन्द्रक' अर्पण करवा योजायेलो चन्द्रक-प्रदान समारोह अ साचा अर्थमां ज्ञानभक्ति-महोत्सव बनी रह्यो, अने ते सौने माटे संतृप्ति आपनारो नीवड्यो. अ प्रसंगे अतिथि - विशेषपदे अमदावादना जग विख्यात स्थापत्यविद्द, पुरातत्त्वविद्द पद्मभूषण डॉ. मधुसुदन ढांकी तथा अमरेलीना संस्कृत भाषा - साहित्यना पण्डितश्री वसंतभाई परीख उपस्थित हता. श्री रघुवीर चौधरी, डॉ.
SR No.520554
Book TitleAnusandhan 2010 12 SrNo 53
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages187
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size845 KB
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