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________________ अनुसन्धान - ५३ श्रीहेमचन्द्राचार्यविशेषांक भाग - १ लाग्युं के श्रावकोमां आनी समज अपाय तो तेओना वर्तनमां पण शुद्धता आवे. आ विचारे बेचरदासना मन पर अवो कबजो जमाव्यो के पोते भूखे मरीने पण आ आगमोना अनुवादो करवा ! परिणामे गुजरातने भगवान महावीरनां वचनो माणवानी भेट मळी. ९८ आ पछीथी बेचरदासजी गूजरात विद्यापीठमां सन्मतितर्कनुं काम पण्डित सुखलालजी करी रह्या हता तेमनी साथे जोडाया. ( आ गाळामां विद्यापीठना जीवनव्यवहारनी थोडी विगत पण्डितजी तथा अजवाळीबानी रुबरु मुलाकात द्वारा आ लेखके नोंधी छे). विद्यापीठमां आठेक वर्ष थया हशे त्यां दांडीकूच आवी. आ समयगाळामां पण्डितजी राष्ट्रीयताना रंगे रंगाया. हस्तलिखित 'नवजीवन' चलाव्युं. थोडा समयमां पकडातां 'विसापुर 'नी जेलमां धकेलाया. त्यां नवेक महिना बाद छूट्या. ब्रिटीश हकुमत हेठळना प्रदेशमां प्रवेशवानी मनाई हती. क्यां जवुं ? आ पांचेक वर्षना गाळानुं स्मरण करतां, पण्डितजी गळगळा थई जता. खूब रझळपाट आ गाळाओ कराव्यो हतो. रझळपाट पछी अमदावाद पाछा आव्या. विद्यापीठ तो छोड्युं हतुं. हवे शुं करवुं ? ओवामां मुम्बई युनिवर्सिटीनुं ठक्कर वसनजी माधवजी व्याख्यान माटेनुं निमन्त्रण मळता पण्डितजी जणावे छे तेम ईश्वरी मदद आवी मळी ! आ समयना पण्डितजीना उद्गारो भारे मर्मस्पर्शी छे. तेओ लखे छे, 'क्यां वऴामां जीनमां पूमडां वीणतो हुं अने क्यां युनिवर्सिटीना हॉलमां गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति विषे व्याख्यान आपतो हुं ? घणीवार ओम लागे छे के आ बे हुं ओक नथी, पण घणा ज जुदाजुदा छे. तेम छतांय से बने हुं मां हुं पोते सळंग परोवायेलो छु, अनुं भान थाय छे त्यारे ने आनन्द थाय छे, धन्यता लागे छे अने ओक प्रकारनो सन्तोष थाय छे.' (प्रबुद्धजीवन, १-१-५५, पृ. २०३). आ पछीथी अमदावादनी विविध शैक्षणिक संस्थाओमां काम कर्या बाद निवृत्त जीवनकाळमां तेओओ ८१ वर्षनी उंमरे देश्यशब्दसङ्ग्रहनुं कार्य उपाडीने, पूरुं कर्तुं हतुं. पण्डितजी ११-१०-८२ना रोज ९२ वर्षनी उंमरे स्वर्गवास पाम्या हता. आ सम्पादननी विशेषता : आ पूर्वे देशीशब्दसङ्ग्रहनी, बे मुम्बइथी प्रसिद्ध थयेली अने अक
SR No.520554
Book TitleAnusandhan 2010 12 SrNo 53
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages187
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size845 KB
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