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________________ सप्टेम्बर २०१० पूर्वागत अनुयोग और चूलिका । चौदह पूर्वो की पद परिमाण संख्या इस प्रकार कही गई है। १. उत्पाद पूर्व, पद परिमाण १,००,००,००० २. अग्रायणीय पूर्व, पद परिमाण ९६,००,००० ३. वीर्यप्रवाद पूर्व, पद परिमाण ७०,००,००० ४. अस्ति नास्ति प्रवाद पूर्व, पद परिमाण ६०,००,००० ५. ज्ञान प्रवाद पूर्व, पद परिमाण ९९,९९,९९९ ६. सत्य प्रवाद पूर्व, पद परिमाण १,००,००,००६ ७. आत्म प्रवाद पूर्व, पद परिमाण २६,००,००,००० ८. कर्म प्रवाद पूर्व, पद परिमाण १,००,८६,००० ९. प्रत्याख्यान पूर्व, पद परिमाण ८४,००,००० १०. विद्यानुप्रवाद पूर्व, पद परिमाण १,१०,००,००० ११. अवन्ध्य पूर्व, पद परिमाण २६,००,००,००० १२. प्राणायु प्रवाद पूर्व, पद परिमाण १,५६,००,००० १३. क्रिया प्रवाद पूर्व, पद परिमाण ९,००,००,००० १४. लोकबिन्दुसार पूर्व, पद परिमाण १२,५०,००,००० ___ इसकी प्रति जैसलमेर ज्ञान भण्डार में सुरक्षित है। अब यह कुलक स्तोत्र दिया जाता है : द्वादशाङ्गी पद-प्रमाण कुलक नमिऊण जिणं अंगाण-पय-पमाणं अहं पयंपेमि । तत्थ पयमत्थ-उवलद्धि जत्थ किरं एवमाईयं ॥१॥ अट्ठारस छत्तीसा बावत्तरि सहस तह य अणुकमसो । आयारे सूयगडे ठाणंगे चेव पयसंखा ॥२॥ समवाए पयपमाणं लक्खो एगो सहस्स चोयाला । भगवईए पयसंखा दो लक्खा सहस अडसीई ॥३॥
SR No.520553
Book TitleAnusandhan 2010 09 SrNo 52
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages146
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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