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सप्टेम्बर २०१०
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दर....................... तुझ पास ॥५॥ यतिवर तसु खंधइ कीधउ पद-विन्नास, स्तवना करि वलि-वलि गावइ जिनगुण रास । वीत..
........स, तिणि पापी सुरनउ थयउ निष्फल आयास ॥६॥ श्री जिनवर पाए लागि करइ वेखास ................ साहिब तूं माहर............... । ............ मियइ तुझ पाए तूं सुतरु संकास मुझ नइ पिण तारउ जिम स.............. वास ॥७॥ निरमलतइं साहिब ........... ........ । मी गुण उज्जल जि हवउ फटिक आरास । दउलति तुझ दरसण सहु को धइ साबास । रंगइ अवधार.
......... ॥८॥ इम आदि प्रभुवर पास (कलस) जिनवरं कमलदल बत्रीस ए ।
श्री नगर जेसलमेरु, णसु थुण्यउ जग ....................[वा]चक रत्नहर्ष सुहामणा, श्रीसार तासु विनेय प्रणमइ पाय परमेसर तणा ॥९॥
॥ इति बत्रीस दलकमलं पार्श्वनाथस्य ॥