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________________ जून २०१० मरमी सन्त आनन्दघन अने तेमने परम्पराप्राप्त जैन चिन्तनधारा मौखिक अने लिखित परम्पराओ सन्दर्भ बोले बांधनारनी कथाओ अर्धमागधी भाषा का उद्भव एवं विकास । क्या 'आर्यावती' जैन सरस्वती है ? हिन्दु और जैन व्रत : एक क्रियाप्रतिक्रियात्मक लेखाजोखा वर्तमानकालीन संशोधन-सम्पादन युगना आद्य प्रवर्तक : आगमप्रभाकर पू. मुनिराजश्री पुण्यविजयजी नगीन शाह हसु याज्ञिक सागरमल जैन सागरमल जैन अनीता बोथरा ५०(२) ५२ ५०(२) ६१ ५०(२) ८४ ५०(२) ९५ ५०(२) १०३ जम्बूविजयजी ५०(२) २५८ १ प्राचीनग्रन्थोना स्वाध्याय-परिचयलेख (१६) नाम लेखक सूडाबहोंतेरी / रसमंजरी (-रत्नसुन्दरसूरिजी) - परिचय कनुभाई शेठ धर्मरत्नकरण्डक (-वर्धमानसूरिजी) - परिचय मुनिचन्द्रसूरिजी स्याद्वादभाषा (-शुभविजयजी) - परिचय नारायण कंसारा तारागण (-बप्पभट्टिसूरिजी) - परिचय हरिवल्लभ भायाणी लोकतत्त्वनिर्णय (-हरिभद्रसूरिजी) - समीक्षात्मक अध्ययन जितेन्द्र शाह योगदृष्टिसमुच्चय (-हरिभद्रसूरिजी) - महत्त्वनी लाक्षणिकताओ नगीन शाह ललितविस्तरा (-हरिभद्रसूरिजी) - दार्शनिक मतो शीलचन्द्रसूरिजी ८ १३ १७ ६३ १०२ ५० १९० १८८ ५३ २२ १०७
SR No.520552
Book TitleAnusandhan 2010 06 SrNo 51
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages159
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size1 MB
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