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अंजना : वाल्मीकि और विमलसूरि के रामायणों में वर्णित कौमुदी बलदोटा पाली (बौद्ध) आगमोमां चातुयाम-संवर
पद्मनाभ जैनी पितर-संकल्पना की जैनदृष्टि से समीक्षा
अनीता बोथरा गूंगो गोळतणा गुण गाय (ज्ञानमंजरी-प्रस्तावना)
शीलचन्द्रसूरिजी जैन श्रावकाचार में पन्द्रह कर्मदान : एक समीक्षा
कौमुदी बलदोटा जैन श्रावकाचार में पन्द्रह कर्मादान : एक समीक्षा : इस पर कुछ विचार
कल्याणकीर्तिविजयजी मध्यकालीन गुजराती साहित्य : प्रतीक्षा, पडकार अने सम्प्राप्ति कान्तिभाई शाह आयुर्वेद तथा भगवान महावीर का गर्भापहरण
जगदीशचन्द्र जैन भगवान् महावीर का गर्भापहरण : एक वास्तविक घटना
शीलचन्द्रसूरिजी ध्यानदीपिका (- उपा. सकलचन्द्रजी) संग्रहग्रन्थ है
विनयसागरजी अर्धमागधी आगमसाहित्य में श्रुतदेवी सरस्वती
सागरमल जैन जैनधर्म में सरस्वती
सागरमल जैन चतुर्विंशतिजिनस्तुति के प्रणेता चारित्रसुन्दरगणि ही हैं
विनयसागरजी नारद के व्यक्तित्व के बारे में जैन ग्रन्थों में प्रदर्शित सम्भ्रमावस्था कौमुदी बलदोटा नारद के व्यक्तित्व के बारे में जैन ग्रन्थों में प्रदर्शित सम्भ्रमावस्था : इस लेख पर कुछ विचार
कल्याणकीर्तिविजयजी
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अनुसन्धान ५१
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