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________________ ७३ २८ १०४ ७१ १०२ १०६ २४० २०० २०३ ९१ हस्तप्रतनी प्रशस्तिमां प्राप्त नगरो के गामो अंगेनी ऐतिहासिक सामग्री कनुभाई शेठ हरिभद्रसूरिविरचित समसंस्कृतप्राकृत जिनसाधरणस्तवन-नो आस्वाद पारुल मांकड पंचसूत्रना कर्ता कोण, चिरन्तनाचार्य के आ. हरिभद्र ? शीलचन्द्रसूरिजी आजना विज्ञानयुगमां जैन जीवविचारणानी आहारक्षेत्रे प्रस्तुतता नारायण कंसारा कल्पसूत्र में भद्रबाहुप्रयुक्त ‘याग' शब्द शीलचन्द्रसूरिजी सारस्वतोल्लास : एक दृष्टिपात भुवनचन्द्रजी जैन परम्परामा परिचारणाभेदविचार नगीन शाह कौशिक : एक अप्रसिद्ध वैयाकरण नीलांजना शाह मध्यकालीन गुजराती साहित्यना इतिहासलेखननु स्वरूप बलवन्त जानी सिद्धशिला मधुसूदन ढांकी वसुधारा धारणी अने 'वसो'नुं वसुधारामन्दिर शीलचन्द्रसूरिजी आर्यवेद : जैनवेद शीलचन्द्रसूरिजी स्त्रीतीर्थंकर मल्लिनाथनी प्रतिमाओ शीलचन्द्रसूरिजी षट्प्राभृतमा दन्त्यनकारना प्रयोग शोभना शाह षट्प्राभृतमा विभक्तिरहित शब्दरूप शोभना शाह चाणक्यनुं एक दक्षिणी कथानक (वड्डाराधनागत) शीलचन्द्रसूरिजी लिंगप्राभृत, शीलप्राभृत, बारस-अणुपेक्खा और प्रवचनसार की भाषा के कतिपय मुद्दों का तुलनात्मक अभ्यास शोभना शाह १०४ १०३ ४५ ६९ ९२ ७३ अनुसन्धान ५१ २८ ३६
SR No.520552
Book TitleAnusandhan 2010 06 SrNo 51
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages159
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size1 MB
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