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________________ ५२ ५८ ४० जून २०१० १० ८६ गांगेयभंगप्रकरण-सस्तबक - कृतिना कर्ता विशे ऊहापोह (यशोविजयजी के पद्मविजयजी ?) शीलचन्द्रसूरिजी २ यतिदिनचर्या : वृत्तिनी गवेषणा प्रद्युम्नसूरिजी २ जैन तीर्थस्थान तारंगा : एक प्राचीन नगरी रमणलाल महेता, कनुभाई शेठ हीरसौभाग्यम्-नी स्वोपज्ञवृत्तिमां प्रयुक्त तत्कालीन गुजराती-देश्य शब्दो प्रह्लाद पटेल सालिभद्र-धन्ना-चरित-ना कर्ता तथा एने अनुषंगे केटलुक जयन्त कोठारी घवळी १ खोडीदास परमार उवहाण-पइट्ठा-पंचासग-परथी फलित थतो एक मुद्दो शीलचन्द्रसूरिजी उमास्वाति-आर्यसमुद्रनां नवप्राप्त पद्यो विशे मधुसूदन ढांकी केटलाक कथाघटको (९) हरिवल्लभ भायाणी अंगविज्जा-मां निर्दिष्ट भारतीय ग्रीककालीन अने क्षत्रपकालीन सिक्का हरिवल्लभ भायाणी प्रियतमा वडे प्रियतमनुं स्वागत हरिवल्लभ भायाणी शत्रुजयमंडन-ऋषभदेवस्तुति-नी प्राप्त वधु हस्तप्रतो भुवनचन्द्रजी ६ जैन-गुर्जर-कविओ (संशोधक-जयन्त कोठारी)नी प्रकाशन वेळाना त्रण लेखो - अखण्ड दीवानो विस्तरतो उजाश प्रद्युम्नसूरिजी - कालजयी साहित्यकृतिना पुनरुद्धारक- अभिवादन । शीलचन्द्रसूरिजी ९ - समुद्धारयज्ञनी पूर्णाहुति हरिवल्लभ भायाणी १. १७.१६२ ६८ ८३ ८७ ११४ ९ ९४ ९७ ९८ १०३
SR No.520552
Book TitleAnusandhan 2010 06 SrNo 51
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages159
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size1 MB
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