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अनुसन्धान ५१
नूतन प्रकाशन
योगदृष्टिसमुच्चय (स्वोपज्ञटीकासहित)
ताडपत्रना आधारे संशोधित वाचना कर्ता : श्रीहरिभद्रसूरिजी सम्पादक : विजयशीलचन्द्रसूरिजी पाप्तिस्थान : आ. श्रीविजयनेमिसूरि जैन स्वाध्याय मन्दिर
१२, भगतबाग, शेठ आणंदजी कल्याणजी पेढीनी बाजुमां, जैननगर, नवा शारदा मन्दिर रोड, अमदावाद-३८०००७
दूरभाष : (०७९) २६६२२४६५ मूल्य : रू. ७०-००
आवरणचित्र-परिचय भगवान महावीरे स्थापेल ४ प्रकारना संघ पैकी श्रावकसंघमां | आनन्द श्रावक, कामदेव श्रावक वगेरे १० मुख्य श्रावको हता. जेमना माटे । 'उवासगदसाओ' नामे सातमुं अङ्ग - आगमसूत्र आलेखायेलुं छे. ते १०
पैकी पांच श्रावको लघुचित्र दर्शावती एक पुंठानी पाटली. वन्दननी | मुद्रामा भेला ते पांच श्रावकोनो परिचय आपता पाटलीना उपरना भागमा । वंचाता अक्षरो : "आनंदजी आदिक सावकाकी या मुरती छे". |
बोटादना श्रीलावण्यसूरिज्ञानभण्डारनी आ पाटली छे. राजस्थानी | शैलीमां आलिखित आ लघुचित्र सम्भवतः १८मा शतकनुं जणाय छे.