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________________ मार्च २०१० हिन्दी अनुवाद (१) तीन रेखाओं से युक्त क्या है ? -णकार (ण) विनय रसवाला कौन है ? जो नमस्कार करता है (णमो) पूछता है कि एक चक्र कैसा है ? -ए हर्ष ! अरावाला (मोअ अरि) सुख के लिए इस संसार में मन्त्र का बीज क्या है ? अरिहं (अरिहं) 'करुणाहीन कौन है ? wwww --- घातक ( हन्ता) सुरक्षा (ताणं) ६ सुख क्या है ? सम्मान के अर्थ में कौन सा शब्द है ? नमस्कार (णमो) 'कहो कपड़े का कारण क्या और कैसे है ? - यथोचित सूत (अरिहंताणं) ९ सिद्धान्त का आरम्भ क्या है ? - अरहन्तों का नमस्कार ( णमो अरिहंताणं) १० कौन सा ऐसा शब्द है जो सारे सुख प्रदान करता है ? उस पर ध्यान करो । अरहंतों का नमस्कार ( णमो अरिहंताणं) (२) 'समृद्ध व्यक्तियों का समूह कैसा है ? - चोरी करनेवाला नहीं अर्थात् संतृप्त (न मोसिद्धाणं) `शिव कहते हैं कौनसी स्त्रीवाची जीव दुःख करनेवाली है ?- ए शिव ! लक्ष्मी का अभाव (नमो न मा उ) - किसकी सेवा करके लोग सिद्ध होते हैं ? Jain Education International 2010_03 - " क्या कहकर जिन ने दीक्षा का प्रतिपादन किया ? - - सिद्धों की आज्ञा की - 'कृपण व्यक्ति प्रार्थनार्थियों से क्या कहता है ? चन्द्रमा कहता है अनुरागियों का हृदय कैसा होता है ? For Private & Personal Use Only ८१ नहीं (ण) "बिना " अन्त" के " अन्तद्धाणं" कैसे ? द्धाणं (द्धाणं) सिद्धों को नमस्कार ( नमो सिद्धाणं) (सिद्धाणं) हे चन्द्रमा ! अनुरागपूर्ण (मो सि) ' इस लोक में किस दूसरे मङ्गलमन्त्र की विजय होती है ? सिद्धों को नमस्कार ( नमो सिद्धाणं) - www.jainelibrary.org
SR No.520551
Book TitleAnusandhan 2010 03 SrNo 50 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages270
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size11 MB
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