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मार्च २०१०
श्री उदयसूरिजीकृत टीकामां पण छे ओटले ओवा पाठो बन्ने टीकामां न राखतां ओक टीकामां राखी बीजीमां मात्र तेमनो निर्देश के अतिदेश करी पुनरुक्ति निवारी देवामां कशुं खोटं नथी. सम्पादके आ संस्करणमां अ पद्धति अपनावी छे, परन्तु निर्देश / अतिदेश माटेनी सूचना टीकाना भागथी अलग जणाई आवे ओ रीते आपवी जोईती हती. अ सूचनाओ फूटनोटमां, कौंसमां अथवा जुदा प्रकारना टाईपमां आपी शकात, जेथी टीका साथे भळी न जाय कदाच सम्पादक मुनिवरनो सम्पादननो आ प्रथम प्रयास होवाथी आम बन्युं हशे .
विषयने न्याय आपवामां सम्पादक मुनिश्री सफळ रह्या छे, ते बदल मुनिश्रीने अभिनन्दन अने तर्कक्षेत्रे ओक उदीयमान विद्वान तरीके तेमनुं हार्दिक
स्वागत.
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जैन देरासर नानी खाखर, कच्छ-३७०४३५
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