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अनुसन्धान-५०
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अकर अन्या वीनोधी
कर-रहित अन्याय विनोदी मंत्री/मित्र चिन्ता-विचार क्षत्रिय ज्ञाति मैत्री
*
धरण
च्यंत ख्यत्री ग्नाति मंत्री धर्ण ऊपरयो थानक नीकाचइ जइअंत सागर नीध्यान यत्रस्युत्रु सही रेढ चक्र लखी साटि सनाथ
ऊपार्यो जैन धर्म-प्रसिद्ध २० स्थानक सुदृढ करे जयंत (विशेष नाम) सागरोपम (काल-माप) निदान
जैत्रशत्रु
* * MMM22Yyy 303
सेय
काउछर्ग
सिंह ढगलो चक्री ६० लाख स्नात्र-स्नान स्वेद (?) कायोत्सर्ग ? वैरी? दुष्कर धाव (?) यक्ष अंगुठो लज्जा अशुचि
विरि
दूखर धव्य जख्य संडासो
लया
अस्युच
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