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अनुसन्धान ४९
शब्दसंचय पत्र १८- आ प्रतिने B संज्ञा आपवामां आवी छे. आ प्रति अने A संज्ञक प्रति समान छे, फर्क एटलो ज छे के आ प्रतिमां कोईक कोईक स्थाने कातन्त्रव्याकरणनां सूत्रोनो उल्लेख तेमज कठिन शब्दोना अर्थ जणावेल छे. आमां कर्तादिनो कोई ज उल्लेख नथी.
__ शब्दसंचय तथा धातुपारायणावचूरि, पत्र-७ - आ प्रतिने C संज्ञा आपवामां आवेल छे. आ प्रतिमां शब्दोनां रूपनी सिद्धि माटे केवल सिद्धहेमव्याकरणनां सूत्रोनो ज उल्लेख छे. आ प्रतिमां दरेक शब्दोनां बधां रूपो नथी जणाव्यां, परंतु घणी वखत मुख्य मुख्य रूपो ज दर्शावेल छे. प्रत्यन्ते संख्यावाचकशब्दोनां रूपो, एवं धातु-प्रत्ययना अनुबन्धनुं फल जणावेल छे. आमां कर्तादिनो कोई ज उल्लेख मळतो नथी.
आ त्रणे प्रतिमां ज्यां शुद्धपाठ जणायो तेने ग्रहण करी अन्य पाठ टिप्पणमां पाठान्तर रूपे मूकेल छे. केटलांक स्थानोमां त्रणे हस्तप्रतमां अशुद्ध पाठ छे त्यारे मूलमां शुद्ध पाठ लखी टिप्पणमां त्रणे प्रतोना पाठ पाठान्तर रूपे मूकेल छे. पाठान्तर, शब्दरूपोनी सिद्धिनां सूत्रो तेमज कठिन शब्दोना अर्थ, जेमके रै = लक्ष्मी, ग्लौ = चन्द्र इत्यादिनो टिप्पणमा समावेश करायो छे. अहीं जे स्वयं उमेरो करायो छे तेने चोरस [ ] कौंस को छे. कोईक स्थाने टिप्पणनां सूत्रो अपूर्ण छे तेने [ ] कौंसमां उमेरी दीधा छे. बन्ने व्याकरणनां सूत्रोनो क्रमांक [ ] कौंसमां लखवामां आवेल छे. अने जे पाठ शुद्धीकरणरूपे लखेल छे तेने गोल ( ) कौंस करवामां आवेल छे.
विशेषता ए के A.B. संज्ञक प्रतिमां वृक्षशब्दनां रूपो छे तो C. संज्ञक प्रतिमां देवशब्दनां रूपो छे. आq अनेक स्थाने छे. अनेक स्थाने रूपोमां पण मतान्तर छे. जेमके - A.B. प्रति-वातप्रमी, C. प्रति - वातप्रम्यि, A.B. प्रति-सुमनः, C. प्रति-सुमनाः - इत्यादि ।
३-४ एवां स्थानो छे ज्यां स्पष्टता थती नथी त्यां प्रश्नार्थचिह्न करेल छे. २-३ टिप्पण एवी छे जे बिलकुल अवाच्य छे तेथी तेने छोडी दीधी छे.
अन्ते, आ प्रतिनी फोटोकोपी करी आपवा बदल श्री आत्माराम जैन ज्ञानमन्दिरना अग्रणीजनोनो आभार. फोटा श्रीमहेन्द्रभाई रमणलाल शाह, वडोदरावाळाए पाडी आप्या छे, तेमनो आभार.
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