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आवरणचित्र-परिचय आ चित्र सने १८२०y, मेवाड शैलीनुं अने उदयपुरमा आलेखायेलुं छे. हालमां ते लंडननी रोयल एशियाटिक लायब्रेरीमा विद्यमान छे. आ चित्रमा आठ विभाग छे, तेमां जुदा जुदा धर्म-सम्प्रदायोना साधुओ दर्शाववामां आव्या छे. ते आठनो परिचय आ प्रमाणे आपवामां आव्यो छे : १. कानफटा योगी, २. दरवेश, ३. जैन साधु, (मूर्तिपूजक-श्वेताम्बर), ४. जैन साधु (स्थानकमार्गी ?), ५. मुस्लिम फकीर, ६. जैन साधु (दिगम्बर), ७. गोसांई, ८. जैन साध्वी (स्थानकवासी).
आ चित्रनी तसवीर, मुम्बईथी प्रगट थता, कलाविषयक सामयिक 'Marg'ना JAMES TOD'S RAJASTHAN नामे ग्रन्थमा प्रकाशित थई छे. ते ग्रन्थना प्रकाशको, सम्पादको तथा प्रकाशन संस्थाना ऋणस्वीकार साथे आ तसवीर अत्रे, मात्र ज्ञान-वृद्धिने अर्थे प्रकाशित करवामां आवेल छे. जैन धर्म-सम्बद्ध वस्तु होई, 'अनुसन्धान' ना वाचकोने, आवी रीतेअन्यत्र प्रकाशित थती सामग्री विषे जाण थाय तो नवी नवी वातोनी जाणकारीमां वृद्धि ज थशे. ___ आ चित्रमां, सम्भवतः कर्नल टोडे ज, दरेक विभागना मथाळे अंग्रेजीमां, ते ते चित्रनी ओळख आपता शब्दो लख्या छे. दा.त. 1. Kanfata yogi. 2. Dervesh. 3. yati..... Jatty. 4. Dhundhiya. 5. बराबर उकलतुं 7eft. 6. Digambara. 7. Gosain. 8. Dhundhiani.
आपणी निसबत चित्रमा आलेखेल जैन साधु-साध्वी साथे छे. आ चित्रनो परिचय आपतां ते ग्रन्थना पृ. २४ पर एक महत्त्वनी वात नोंघेल छे, ते आ प्रमाणे : A Predominance of Jain figures in this Picture may perhaps be attributable to the influance of Tod's learned Jain assistant and guru Yati Gyanchandra, on whom he relied greatly. अर्थात् ज्ञानचन्द्र नामना जैन यतिने कर्नल टोड पोताना विद्वान गुरुलेखे मानतो हतो. (चित्र तथा माहितीनुं सौजन्य : Royal Asiatic Society, London,
Marg Publications, Mumbai)
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