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अनुसन्धान ४६
प्र. कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्य नवम जन्मशताब्दी स्मृति संस्कार शिक्षणनिधि-अमदावाद, सं. २०६५.
५. कुमारपालचरित्रसंग्रह : सं. मुनिजिनविजयजी; पुनः सं. डॉ. जितेन्द्र शाह, साध्वीश्री चन्दनबालाश्रीजी; प्र. श्रुतरत्नाकर, अमदावाद; सं. २०६४, ई. २००८.
विश्वविख्यात सिंघी ग्रन्थमालाना ४१मा ग्रन्थरूपे, वर्षों पूर्व प्रकट थयेल आ ग्रन्थ- आ पुनः मुद्रण छे. मुनिजीए पोताना सम्पादनमा परिशिष्ट रूपे आपेल 'शुद्धिवृद्धिपत्रक'नो उपयोग, आ नवा संस्करणमां मूळ जे ते स्थानोमां करी लेवामां आव्यो छे. केटलुक पाठ-शोधन पण सद्य उपलब्ध आधारोने अनुसरीने करवामां आव्युं छे. नवी प्रतिओ मळी होय के तेना आधारे पुनः सम्पादन थयुं होय तेवू जणातुं नथी. एक अप्राप्य बनेल ग्रन्थने पुनः उपलब्ध करावी आपवानुं श्रेय पुनःसम्पादक-प्रकाशकने फाळे जरूर जशे.
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