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________________ सप्टेम्बर २००८ ८७ २. कृष्णयजुर्वेद (तैत्तिरीय संहिता) : पितर, पितृलोक, श्राद्ध, पितृयज्ञ इ. (काण्ड २, प्रपाठक ६, अनुवाक १२) ३. शुक्ल यजुर्वेद : पिण्डपितृयज्ञ (अध्याय २, कण्डिका २९-३४) ४. अथर्ववेद : देव, मनुष्य, असुर, पितर व ऋषि इन समाजों का निर्देश (१०.१०.२६ भारतीय संस्कृतिकोश पृ. ५६५) (ब) ब्राह्मण व आरण्यक : ५. तैत्तिरीय ब्राह्मण व आरण्यक : पितर, पिण्डदान, पिण्डपितृयज्ञ, पितृप्रसाद, पितृलोक (प्रपाठक ३, अनुवाद १०, पृ. ६५-६८) ६. शतपत ब्राह्मण : पिण्डपितृयज्ञ, पितृयज्ञ इ. का विस्तारपूर्वक वर्णन (द्वितीय काण्ड) (क) उपनिषद : ७. छान्दोग्योपनिषत् : पितर, पितृयाण, पितृलोक इ. (अध्याय ५, खण्ड १०) (ड) स्मृति तथा टीका ग्रन्थ : ८. मनुस्मृति : पितर, तर्पण, श्राद्ध, पितृपक्ष, पितृयज्ञ, पितरों की चातुवर्णव्यवस्था, पितृपिण्ड, पितृपूजा, पितृतृप्ति इ. का विस्तृत वर्णन (अध्याय ३ औ ४) ९. मनुस्मृति (सर्वज्ञनारायण टीका) : पितृकर्म, पितृकल्प, पितृलोक, पितृयज्ञ (३२९.१७; ३५३.३०; ३६६.२२; ३.१२२) १०. मनुस्मृति (कुल्लूक टीका) : पितृदेवता, पितृतर्पण, पितृतृति, पितृकृत्य, पितृकर्म (१११.१४; १३९.१४; १६७.२८; १६८.३; २३२.१८) ११. मनुस्मृति (मेधातिथि टीका) : पितृकार्य, पितृतृप्ति, पितृपात्र (२.३७; ३.२३८; ३.२५२) . १२. याज्ञवल्क्यस्मृति (अपरार्क टीका) : पितृकार्य, पितृतृप्ति, पितृदेव, पितृदेवता, पितृयज्ञ, पितृपूजा (१.१०२; १.२१८; १.२४३; १.२५५; १.२६०) १३. प्रजापतिस्मृति : पितृकर्म, पितृकार्य, पितृतर्पण, पितृतीर्थ (१.४९; १.१२८; १.१७४; १.१९७; ५१.६४; ६६.१) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520545
Book TitleAnusandhan 2008 09 SrNo 45
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2008
Total Pages114
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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