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________________ ७८ पुस्तक परिचय नाम : Nāni Rāyan (The Mystery unveiled) ले. : डो. पुलिन वसा, मांडवी (कच्छ) प्र. : क.स. हेमचन्द्राचार्य नवम जन्म स्मृति संस्कार शिक्षण निधि, अमदावाद, ई. २००७ मार्च २००८ सामान्य रीते विज्ञानना विषयोनां संशोधनात्मक पुस्तको भारेखम भाषा अने टेकनीकल शब्दोने कारणे नीरस अने अरुचि पेदा करनारा होय छे. परंतु पुरातत्त्वना संशोधननुं पुस्तक “Nani Rāyan" The Mystery unveiled अनी शैली अने सरळ भाषाने कारणे नवी ज भात पाडे छे. फिलाडेल्फीआ युनिवर्सिटी (अमेरिका) ना पुरातत्त्वना प्राध्यापकना शब्दोमां आ पुस्तक पुरातत्त्व विषयनुं पाठ्यपुस्तक बनवाने लायक होवा छतां सामान्य ज्ञानमां रस धरावनारी कोई पण व्यक्ति माणी शके तेवुं सरळ छे. आ पुस्तक कलिकाल सर्वज्ञ श्रीहेमचंद्राचार्य नवम जन्म शताब्दी स्मृति संस्कार शिक्षणनिधि, अमदावाद द्वारा प्रकाशित करवामां आव्युं छे. लेखके २२ वर्षना लांबा गाळा दरम्यान, तेमणे करेला संशोधनने कच्छना भौगोलिक, औतिहासिक अने पुरातत्त्वीय परिप्रेक्ष्यमां वणी लीधुं छे. आठ प्रकरण अने बे परिशिष्ट धरावता आ पुस्तकना प्रथम प्रकरणमां लेखक आ संशोधन कई रीते शरू थयुं, तेमां तेमने केटली मुश्केलीओ पडी अने तेणे कई कार्यपद्धति अपनावी, तेनुं वर्णन करे छे. बीजा प्रकरणमां, कच्छनी भौगोलिक रचना अने छेल्लां पांच हजार वर्षना मानव इतिहासने उजागर करवामां आव्यो छे, सामान्य रीते कराता राजाओना इतिहासनुं वर्णन करवानी चेष्टाने बाजुओ मूकी, लेखके ते समयना लोको, तेमनी रीतभात, रीतरिवाज, धर्म अने हुन्नरनुं रसप्रद वर्णन कर्तुं छे. त्रीजा प्रकरणमां, कच्छमां थयेला पुरातत्त्वीय उत्खनन अने ते दरम्यान मळेली माहितीनुं वर्णन करवामां आव्युं छे. चोथा प्रकरणमां सिंधुकाळथी चाली आवता वहाणवटा अने वेपारनी माहिती आपवामां आवी छे. Jain Education International For Private & Personal Use Only . www.jainelibrary.org
SR No.520543
Book TitleAnusandhan 2008 03 SrNo 43
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2008
Total Pages88
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size4 MB
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