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________________ . मार्च २००८ ... १२ दसा दयागुणे दीपता, माहरा सदगुरुजी, आख्या अति अवदात, सदा गुरु वंदोजी सोरठीआ संघ सुखकरु, माहरा सदगुरुजी, श्री पोरवाड प्रधान, सदा गुरु वंदोजी, ओशवंशे स्वामि उपना, माहरा सदगुरुजी, ते तो गुणना निधान, सदा गुरु वंदोजी मोढ-वणिक मनरंगथी, माहरा सदगुरुजी, प्रणमै श्रीगुरु पाय, सदा गुरु वंदोजी, हेतकरी हितकारणी, माहरा सदगुरुजी, सेवा करे सुखदाय, सदा गुरु वंदो जी, विनयवती सहू श्राविका, माहरा सदगुरुजी, झूलर झाकझमाल, सदा गुरु वंदो जी, गिरुआ श्री गछराजना, माहरा सदगुरुजी, गावै गीत रसाल, सदा गुरु वंदोजी संघ सकलनी वीनती, माहरा सदगुरुजी, मांनों श्रीमूनिराय, सदा गुरु वंदोजी, तुम दरिसण सुख संपजे, माहरा सदगुरुजी, पातिक दूर पलाय, सदा गुरु वंदोजी विनती करीने वरणवी, माहरा सदगुरुजी, भावै गछपति भास, सदा गुरुवंदोजी, महानंद मुनीवर वीनवै, माहरा सदगुरुजी, पूरौ मननी आस, सदा गुरु वंदोजी। ... १४ ... १५ C/o. अश्विन संघवी गोपीपुरा, कायस्थ महोल्लो, सूरत-३९५००१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520543
Book TitleAnusandhan 2008 03 SrNo 43
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2008
Total Pages88
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size4 MB
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