SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 60
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनुसन्धान ४३ गुपति आराधइ गुणनीलो, माहरा सदगुरुजी, गुण छत्रीसे धार सदा गुरु वंदोजी गच्छ चोराशी चंदलो, माहरा सदगुरुजी, श्री जगजीवन गुरुराय, सदा गुरु वंदोजी, पटधारी जगरूपना, माहरा सदगुरुजी, प्रणम्या पातिक जाय, सदा गुरु वंदोजी साह जोईता कुल जग जयो माहरा सदगुरुजी, दीपें तेज दिनंद, सदा गुरु वंदोजी, रतनादे उर उपना, माहरा सदगुरुजी, भेटें भवि चरणवृंद (चरण भविवृंद) सदा गुरु वंदोजी ... ५ श्रीरूपऋषि जीवऋषि तणें, माहरा सदगुरुजी, पाट उद्योतककार, सदा गुरु वंदोजी, शिवपुर मारग साधवा, माहरा सदगुरुजी, इल मांहे अवतार, सदा गुरु वंदोजी पीहर पंचे भूतना, माहरा सदगुरुजी, षटकायना आधार, सदा गुरु वंदोजी, द्वादश अंगी सूत्रना, माहरा सदगुरुजी, आखें अरथ उदार, सदा गुरु वंदोजी इम अनेक गुण आगरु, माहरा सदगुरुजी, कहेंता न लहु पार, सदा गुरु वंदोजी, एहवा गुरुजिने वंदता, माहरा सदगुरुजी, पांमीजे भवपार, सदा गुरु वंदोजी दीवबिंदर संघ सूंदरु, माहरा सदगुरुजी, विनवै वारंवार, सदा गुरु वंदोजी, भाव धरी भवियण प्रते, माहरा सदगुरुजी, द्यो वेला दीदार, सदा गुरु वंदोजी श्रीमाली संघ सोभतो, माहरा सदगुरुजी, वीसा विस्व विख्यात, सदा गुरु वंदोजी, Jain Education International For Private & Personal Use Only ६ ५५ www.jainelibrary.org
SR No.520543
Book TitleAnusandhan 2008 03 SrNo 43
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2008
Total Pages88
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy