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________________ ट्रॅक नोंध (१) जैन धर्म विशे भ्रान्त धारणाओ अमेरिकाना होनोललुनी Hawai university ना इतिहास विभागमा काम करता प्रो. जगदीश प्रसाद शर्माए, टोरन्टो युनि. ना 'सेन्टर फोर साउथ . एशियन स्टडीज' द्वारा प्रकाशित एक ग्रन्थमां “The Jinasattvas : Class and Gender in the social origins of Jaina Heroes” नामे लेख लख्यो छे. जेमां तेमणे जैनोना २४ तीर्थंकरोने, बौद्ध धर्मना जातककथानायक बोधिसत्त्वनी जेम 'जिनसत्त्व' एवं नाम आपीने, 'काल्पनिक' गणाव्या छे; २४ पैकी ५ सिवायना जिनोने अनैतिहासिक कह्या छे : तेमणे निरीक्षण आप्युं छे के "मेरी मान्यता यह है कि जैनों के ५ तीर्थंकर ही ऐतिहासिक एवं पालपिक कहे जा सकते है। महापुराण एवं त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र में दिये विविध उल्लेख जैनों के अन्ध भक्त अनुयायियों को ही लुभा सकते हैं ।"(अंग्रेजीनो सारानुवाद : मांगीलाल भुतोडिया, जयपुर). बीजी पण अनेक वातो ऊतारी पाडती भाषामां आ लेखमां लखाई छे. धर्मो अने धार्मिको वच्चे तो घणीवार निम्नस्तरनी भाषा एकमेकने ऊतारी पाडवा माटे लखाती आवी छे, जे जाणीती वात छे. परंतु शोधविद्याने वरेला प्राध्यापक, एक ऐतिहासिक अने मान्य धर्म विषे, पोतानी ब्राह्मणसुलभ द्वेषबुद्धिथी प्रेराईने, आq घसातुं लखे, ते विद्वानो माटे चिन्ताप्रेरक अने शोचनीय बनी रहे तेवं छे. (२) 'पतियाला' ना राजमहेलमां जैन भींतचित्र मुंबईना 'मार्ग पब्लिकेशन्स'ना जून '२००३मां प्रकाशित Marg ना Vol. 54 No. 4 नो विषय छे : "New Insights into Sikh Art." आ पुस्तकना p. 77 तथा p. 78 पर बे जैन चित्रोनी तसवीरो छपाई छे, जे कुतूहलप्रेरक छे. ते विषे माहिती आ प्रमाणे छे : . (१) महेलना Qila Mubarak विभागना Sheesh Mahal Chamberमां जैन तीर्थंकर- एक भीतचित्र छे, जेने त्यां “Arihanta Deva” एवा नामे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520525
Book TitleAnusandhan 2003 07 SrNo 25
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2003
Total Pages116
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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