________________ अनुसंधान-१६ * 30 गूढमणिबंधसुदिढा सम्मं सुसिलिट्ठसंधिसंजुत्ता / हत्था नरनाहाणं विवरीया होंति इयराण // 19 // हत्थंगुलिणो सरला चिराउसाणं हवंति सुकुमारा / सण्हा मेहावीणं थूला परक्कम्मकारीण // 20 // हुति नहा दरसोणा अपुफिया अवणयंग्गभागा य / रायाणं इयरेसिं विवरीया होंति विनेया // 21 // अइकिसदीहं चिबुयं अधणाणं मंसलं च सुपमाणं / रायाणं विनेयं अणुब्भडं संगयावयवं // 22 // अहरेहिं अवक्केहिं बिंबाकारेहिं हुंति रायाणो / फुडिय-विवन्नविखंडिय-रुक्खेहिं य हुंति धणहीणा // 23 / / निद्धा पमाणदीहा तिक्खग्गा हुति सुंदरा दसणा / जीहा रत्ता दीहा लण्हा सरिसा य रायाण // 24 // सोमं समुज्जलं अमलिणं च चंदोवमं नरिंदाणं / विवरीयमधन्नाणं होइ मुहं लक्खणविहीणं // 25 // निम्मंस-आयएहिं या रोमस-विउलेहिं हुंति कन्नेहिं / रायाणो ससिरेहि हुस्सेहिं य हुंति पावनरा // 26 // संपुन्न-समंसल-कूचरहियगंडेहि नरवई हुंति / सरला य सण्हविवरा समुन्नया नासिया धन्ना // 27 // पउमदलदीहरेहिं रत्तंतेहिं च हुंति रायाणो / नयणेहिं पिंगलेहि मज्जारसमेहि कूरमणा // 28 // अद्धिंदुसमनिडाला रायाणो हुँति सयलमहिवलए / धणहीणा विन्नेया पुरिसा जे विसमभालयला // 29 // च्छत्तागारसिरा जे रायाणो हुँति नत्थि संदेहो / आकुंचिय-घण-निद्धा अप्फुडिया सुंदरा केसा // 30 // For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org