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अखंड दीवानो विस्तरतो उजाश (श्री मोहनलाल दलीचंद देशाई रचित अने श्री जयंतकोठारी संशोधित संदर्भ-साहित्य 'जैन गुर्जर कविओ' नो विमोचन समारोह ता. १९ जान्युआरी १९९७ना रोज, श्री महावीर जैन विद्यालय, मुंबाईना उपक्रमे आंबावाडी श्वे.मू.जैन संघ, अमदावादना आतिथ्य हेठळ योजाई गयो. डॉ.रमणलाल चि. शाहनी प्रासंगिक भूमिका साथे आरंभाओला आ समारंभमां आ संदर्भग्रंथोनुं विमोचन करतां म.म. के. का. शास्त्रीओ आ संदर्भसाहित्यना संशोधन अने संमार्जनकार्यनी भूरि भूरि प्रशंसा करी तेनी संशोधनक्षेत्रमांनी उपादेयता पर भार मूक्यो. डॉ. कनुभाई जानीए पुस्तकोनी समीक्षा करतां संदर्भ साहित्यमां श्रीजयंत कोठारीओ तैयार करेली सूचिओने से संशोधन कार्यनी कूची समी ओळखावी डॉ. रमण सोनीओ श्रीजयंत कोठारीए खंतथी विकसावेली पोतानी आगवी संशोधनपद्धति पर भार मूक्यो. आ समारंभना अतिथिविशेष श्रीसुरेश दलाले जयंतभाईने अभिनंदन आप्यां अने प्राचीन कविओना मुखडाथी रचेली पोतानी काव्यरचनाओनो आस्वाद करावी रसल्हाण करावी.
आ प्रसंगे मध्यकालीन गुजराती साहित्यवारसा ना जतन अने प्रकाशननी समस्याओ पर योजाओला परिसंवादमां डॉ.कनुभाई शेठे-हस्तप्रतभंडारो 'वर्तमान स्थिति अने हवे पछी- कार्य', श्री जयंत कोठारीए 'मुद्रित हस्तप्रतसूचिओनी समीक्षा', 'अप्रकाशित साहित्यनो संपादन कार्यक्रम' विशे श्रीरतिलाल बोरीसागरे अने डॉ. शिरीष पंचाले 'अप्रकाशित साहित्यना प्रकाशननो कार्यक्रम' विशे वक्तव्यो प्रस्तुत कर्यो ।
वक्तव्यो पछी, सर्वश्री बळवंत जानी, कनुभाई जानी, रमणलाल पाठक, रमण सोनी, नरोत्तम पलाण, शांतिलाल आचार्य वगेरेए चर्चामां भाग लीधो.
डॉ. कान्तिभाई शाह अने डॉ.कीतिदा जोशी समग्र समारोहना संयोजक तरीकेनी जवाबदारी सुपेरे निभावी हती.
श्रीप्रद्युम्नविजयजी महाराजश्रीओ ओळखाव्यो तेम समग्र समारोह एक 'ओच्छव'नी साथे साथे, भविष्यमा थनारा संशोधनकार्यनी एक महत्त्वनी भूमिका
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