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________________ २. एरिख क्राउवाल्नझं पोस्थ्युमस एसेझ मूळ जर्मनमांथी अंग्रेजी अनुवाद : अनुवादक जयन्द्र सोनी (१९९४) भारतीय दर्शनोना अध्ययन माटे जेओ आंतरराष्ट्रीय ख्याति धरावता हता ते ओस्ट्रियाना प्रोफेसर फाउवाल्लरना भारतीय दर्शनोना इतिहासने लगता 'हिस्टरी ओव इन्डियन फिलोसोफी'ना बे ग्रंथो (अंग्रेजी अनुवाद : वि. एम. बेडेकर कृत, १९७३) दासगुप्ता वगेरेना ए दिशाना प्रयासो पछीनो एक महत्त्वनो प्रमाणभूत संदर्भग्रंथ होवानुं जाणीतुं छे. तेमना १९७४मां थयेला अवसान पछी, तेमना अप्रकाशित रहेला लेखोमांथी पसंदगी करीने ते जे बे ग्रंथो रूपे जर्मन भाषामा प्रकाशित थया छे, तेमांथी पहेला ग्रंथनो (प्रकाशित १९९४) आ अंग्रेजी अनुवाद छे. आमां वैशेषिक-सूत्रोनो मूळ आरंभ, नव्यन्याय, तंत्रयुक्तिओ, भाषानो सिद्धांत, मीमांसा,कुमारिल, धर्मकीर्ति वगेरे विशे लेखो के संक्षिप्त नोंधो छे. फाउवाल्नरे भारतीय दर्शनोना इतिहासना चोथा ग्रंथ माटे तैयार करी राखेली सामग्रीनी रूपरेखा लेखेनी आ नों धो छे. ३. आयारङ्ग : पाद इन्डेक्स एन्ड रिवर्स पाद इन्डेक्स (१९९४) यामाझाकी अने औसाकाए जैन आगमिक अंगोनी पादसूचि अने ऊलटपादसूचि तैयार करी प्रकाशित करवानी योजना नीचे, जापाननी चुओ एकेडेमिक रिसर्च इन्स्टिट्युट तरफथी, आचारांग-सूत्रनी बंने प्रकारनी सूचिओ प्रकाशित करी छे. आ पहेलां तेमणे प्रकाशित करेल 'इसिभासियाई' अने 'दसवेयालिय'नी सूचिओ विषे अमे 'अनुसंधान-३', पृ. ४७ उपर माहिती आपी छे. ४. जैनदर्शन अने सांख्य-योगमां ज्ञान-दर्शन विचारणा जागृति दीलीप शेठ (१९९४) 'भारतीय दर्शनोमां विशेषतः जैनदर्शन, बौद्धदर्शन अने सांख्य-योगदर्शनमां ज्ञान अने दर्शननी विभावनानी ऊंडी अने सूक्ष्म विचारणा करवामां आवी छे. ज्ञानदर्शन परत्वे आ दर्शनोए घडेली विभावनानो तुलनात्मक अभ्यास करवानो प्रशंसनीय प्रयत्न प्रस्तुत ग्रंथमां सौप्रथम वार करवामां आव्यो छे. शीर्षकमां सूचव्या प्रमाणे मुख्यत्वे जैनदर्शन अने सांख्य-योगमां जे विचारणा थई छे, (ते उपरांत) बौद्धदर्शन, उपनिषदो, गीता अने न्याय [91] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520504
Book TitleAnusandhan 1995 00 SrNo 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year1995
Total Pages96
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size5 MB
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