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प्रकाशित थयुं छे, तेमां आवी ज एक कथामां, श्रावकोनी बेपरवाहीथी फावी गएला पूजारीए ‘भगवाने स्वप्नामां नाराजी दर्शावी अहींथी चाल्या जवानो निश्चय कर्या'नी वात उपजावी, श्रावकोना अज्ञाननो लाभ उठावी किंमती बधी सामग्रीओ चोरी वेची खाधा पछी, श्रावकोनी आजीजीथी आर्द्र बनवानो तथा पोतानी भक्तिथी भगवान रीझ्यानो डोळ सर्जीने पाषाण तथा काष्ठनी बे-चार आकृतिओ पडी रहेवा दीधी, अने
'धीरे धीरे जायगो, सब देवनको साथ; रहेगी काष्ठकी पूतली, और पत्थरको पारसनाथ' एम कहेती प्रवर्तावी; ते उपरोक्त कथाना संदर्भमां सांभरे छे.)
(२) कथा ३५मी : 'एक प्रवासी राजकुमार, क्यांक, मंदिरमा प्रभुपूजा करती एक राजकुमारीने जोई मोहित थयो, अने ते कन्या पोताने वरे तो मंदिरमां स्थित भगवानने पोतानुं मस्तक चडाववा'नी प्रतिज्ञा लई बेठो. . कालांतरे तेना लग्न ते कन्या साथे थयां. ते पछी तेना ससराए दीकरीजमाईने घेर तेड्या; वाटमां पेलुं मंदिर आवतां प्रतिज्ञा सांभरी, अने अंदर जईने तेणे माथु कापी मूर्ति सामे धरी दीp. तेनी पाछळ तेनो मित्र पण मर्यो, अने पछी नववधू आत्महत्या करवा जाय छे त्यां दिव्य वाणी तेने अटकावे छे, अने बे मृत पुरुषोनां मस्तक तेमना धड पर गोठववा सूचवे छे. नववधू उतावळमां बेय माथां खोटां धडो उपर गोठवे छे, ने तरत बन्ने जीवंत बने छे' इत्यादि. कथा लांबी छे. हवे अहीं जोडाएला चित्रनुं वर्णन तपासीए : . ग्रंथना पृ. २२० पछी Plate 34 चित्रना उपरना भागमां मंदिर, तेमां पद्मासने मुगटयुक्त एक जिनप्रतिमा-सुवर्णचित्र सामे स्त्री बेठी छे. पूजापो ओटला पर पड्यो छे.
नीचेना भागमां बहारथी एक पुरुष स्तुति करतो ऊभो छे. बीजो एक संन्यासी जेवो, जनोईधारी, हाथमां कलशझारी लईने ऊभो छे.
बन्ने चित्रोनी नीचे छापेल लखाण आम छे :
(1) 3. The goldsmith and the ca. venter inform the officials that the idols have decided to abandon the sanctuary.
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