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________________ शब्दनो प्रयोग स्वयंभूकृत उमचरिउ मां पण मळे छे. त्यां पण रणभूमिने शारिपट्टनं उपमान आपीने तेमां जीवनने होडमा मूकवानुं रूपक छे. ५. सातम उदाहरण : त्रीजा पंक्तिमा ल्हसडउ ने बदले ल्हुसडउ (= लुण्टाकः) जोईए. छेल्ली झुलक्कड़ ने बदले झुलुक्कउ जोईए. (आठमा उदाहरणनी बीजी पंक्तिमा ए ज पाठ छे.) ६. आठम उदाहरण : सहि इ ने बदले सहिइ जोईए. छेल्ली वे पंक्तिनो अर्थ टीकाकार समज्यो नथी. तुहने बदले तह, मयणबाणवेयण कलह ने बदले मयणबाण - वेयण-- कलहि अने तुलहने बदले तुलहि पाठ जोईए. “हे तन्वंगी, तं जेमा मदनवाणनी वेदना छे तेवा प्रेमकलहमा लथडती पड नहीं. हे मानिनी, वल्लभ साथेनु मान तजी दे, तारा प्राणनी संशयतुला उपर चड नहीं. ___७. नवमुं उदाहरण. पांचमी पंक्ति. पयड धाइने वदले पयडत्थय (कविदर्पण नो पाठ) जोईए. ८. दसमुं उदाहरण बीजी पंक्तिमा पहिल्लय ने बदले पहल्लिय (पाठांतर)अने छेल्ली पक्तिमां जाइ जाय' ने बदले जाइजाय' जोईए । (५). काव्य-गुंफ काव्य रचवानी क्रिया-प्रक्रिया माटे संस्कृत काव्य अने काव्यशास्त्रनी परंपरामां वस्त्र गूंथवा के वणवानं उपमान घणं जाणीतं छे. संस्कृत काव्यशास्त्रमा काव्यनी रचना अने बंध विशेनी चर्चामा गुंफ संज्ञा वपराई छे. गुंफ नामना अलंकारमा वर्ण, अर्थ, पद, वाक्य वगेरेनी विशिष्ट पसंदगी अने क्रममा गोठवणी करवानो ख्याल समाविष्ट थयो छे. राघवने शृंगारप्रकाश ना पोताना अध्ययनमा आ विषय विगते चर्को छे. अनामि काव्य-शशिनं विततार्थ-रश्मिम् । ('अर्थरूपी किरणोना विस्तारवाळो काव्यरूपी चंद्र हं गूंथी रह्यो छं)ए चरण जो के वामने (अने तेने अनुसरीने मम्मटे), उपमादोषो गणावता, सादृश्य निराधार होवाथी उत्पन्न थता अनौचित्य-दोषना उदाहरण तरीके आप्यं छे, तो पण तेमां काव्य गूंथवानी वातनो उल्लेख छ ए नोंधवं घटे. आ संदर्भमा प्रभाचंद्रकृत प्रभावकचरित मां आपेल हेमचंद्रसूरिचरितमां मळतं (पृ. १९०) तत्कालीन देवबोध कविन नीचे पद्य पण नोंधपात्र छे. ए एक अन्योक्ति छे. वाच्यार्थ छे -गामठी वणकर, तेनाथी वणातां वस्त्र, अने वस्त्र पहेरनारी सुंदरी. गम्यार्थ छे - कवि, रचातां काव्यो अने सहृदय भावको. [२३] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520502
Book TitleAnusandhan 1993 00 SrNo 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year1993
Total Pages90
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size4 MB
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