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SEKSHEESERECERENESE मोहरिते सच्चवयणस्स पलिमंथू ('ठाणंग'सूत्र, ५२९) 'मुखरता सत्यवचननी विघातक छे'
अनुसंधान प्राकृत भाषा अने जैन साहित्य विषयक संपादन, संशोधन, माहिती वगेरेनी पत्रिका
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संकलनकार : मुनि शीलचन्द्रविजय
हरिवल्लभ भायाणी
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શ્રી હેમચંદ્રાચાર્ય
कलिकालसर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्य नवम जन्मशताब्दी
स्मृति संस्कार शिक्षणनिधि
अमदावाद १९९३
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