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33] પાંચ પાંડ કી ગુફાઓ
[२३] चार स्तभ्पों पर अवलम्बित है जिसको रचना प्राकृतिकसी है। हॉल की छत भी ढाल उतारवाली है-जिसको देखने से पता लगता है कि यह छत अभी गिरनेवाली है। इसके रंगीन चित्रों में कुछ जानवरों के और कुछ सवारों के चित्र हैं तथा दरबाजे की सजावट गुप्तवंशीब तथा कुशानवंशीय राजाओं के जमाने की सी प्रतीत होतो है। इस गुफा की बनावट ग्रीस और सीरिया की इमारतों के समान तथा शिल्पकारी मंडलामहल से श्रेष्ठ है।
(4) पाचवे नम्बर को गुफा के योच का कमरा ९५४४४ फीट लम्बा चौडा दो कतार में बना हुआ है, जिसमें साधारण रंगाई का कार्य है। इसमें सामने का दरवाजा तथा चार खिड़कियों का काम पीछे से बनाया गया है। यह गुफा भी चौथे नम्बर की गुफा की भाति ही है।
(६) छटे नम्बर की गुफा के दरवाजे से आगे जाने पर ४६ फीट ममचोरस एक कमरा है, जिसकी दो छतें दक्षिण पश्चिमवाली और तीन छतें दक्षिण की ओर है-जिनकी सजावट आदि का कार्य बिल्कुल सादा है, जिसमें कि १६ कमरे हैं। इनकी बनावट को देखने से मालूम पड़ता है कि यह पांचवे नम्बर की गुफा का अनुकरण किया गया है। इसके बाहिर की छत का भाग भी गिर गया है इसलिये इसके सभी कमरे प्रायः दब गये हैं । अवशिष्ट तीन गुफाओं के गिर जाने से उनका हम विवरण लिखने में असमर्थ है, जो कि बिल्कुल भग्नावस्था में पड़ी है। भीतर जाने का कोई साधन नहीं है।
उपर्युक्त प्राचीन गुफाएं विन्ध्याचल पर्वत के सिलसिलेवाली पहाड़ीयों में ही हैं, जिनके चारों ओर मामूली जंगल तथा भीलों की आबादी है। ग्वालियर स्टेट में जब किसी ऑफिर को सजा दी जाती है तो इस जंगली प्रदेश में भेजा जाता है, जोकि ग्वालियर स्टेट का सरदारपुर जिला कहलाता है। आजकल स्टेट भीलों के सुधार की ओर विशेष ध्यान दे रहा है। यहां के जंगलों में कभी कभी शेर और चीते का भय रहता है।
इन गुफाओं का निर्माण सरस्वतीनदी के तटवर्ती जेतवला गांव के गन्धकुटी स्थान के बाद हुआ प्रतीत होता है । अजन्ता की कैलाशगुफा और इनमें थोडा ही अन्तर है लेकिन चित्र व शिल्प में ये उससे बढ़ी हुई हैं।
अशोक, चन्द्रगुप्त, विक्रमादित्य, शालिवाहन, शक, हूण आदि राजाओं के समय की भारत में कितने ही शिल्पकलाओं के प्रमाण है जो विश्व का आज भी, अपनी ओर ध्यान आकर्षित करते हैं। भारत का अतीत उज्ज्वल था जिसकी हजारों वर्षों की प्राचीन ध्वंसावशेष शिल्पकला अभी तो भूगर्भ में ही विश्राम कर रही है, जिनकी खोज के लिये ब्रिटिश सरकार की ओर से विशेष यान दिया जा रहा है।
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