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________________ पिया का गांव क्योंकि किसी काल में पैदा किया और अब नहीं करता। यह वह सब गिरा देता है। जहां-जहां तुमने तरकीबें निकाल रखी बात व्यर्थ मालूम होती है। इसके पीछे कारण कुछ और है। थीं, उन सब तरकीबों के प्राण खींच लेता है। जहां-जहां तुमने मुसलमान पंडित नहीं चाहता कि अब किसी और को मोहम्मद | धोखे बना रखे थे, उन सब धोखों को उघाड़कर नग्न कर देता है। स्वीकार करे, किसी और को पैगंबर स्वीकार करे। क्योंकि एक वह तुम्हारी सारी आत्मवंचना तोड़ देता है। ही पैगंबर काफी अस्त-व्यस्त कर गया। उसी को तो ईसाई ठीक ही कहते हैं कि आखिरी...! बस अब बहत हो सम्हाल-सम्हालकर व्यवस्थित करने में इतना समय लग गया, | गया। अब और दुबारा नहीं। जैन कहते हैं, महावीर चौबीसवें तब तो उस पर कब्जा कर पाए। तब तो उसको बांधकर, जंजीरों तीर्थंकर-बस खतम! अब आगे नहीं। में डालकर मस्जिद में कैद कर पाए। कुरान की पोथी में बंद कर यह रोक लेने की प्रवृत्ति करीब-करीब दुनिया के सभी धर्मों में पाए बामुश्किल। अब फिर कोई निकल आए, फिर सब गड़बड़ है। लेकिन समय से मोक्ष का क्या संबंध? इतना मैं मानता हूं हो जाए। पंडित बड़ी मुश्किल से व्यवस्था जुटा पाता है। कि कुछ समय होते हैं, तब मोक्ष थोड़ा आसान; और कुछ समय ईसाई कहते हैं कि जीसस अकेले बेटे हैं परमात्मा के। कोई होते हैं, तब थोड़ा कठिन। लेकिन असंभव कभी भी नहीं। कुछ दूसरा बेटा नहीं—इकलौते बेटे! और बाकी ये सब लोग क्या समय निश्चित होते हैं, जब मोक्ष थोड़ा आसान है। हैं? यह सारा अस्तित्व फिर क्या है, अगर जीसस अकेले बेटे हर चीज के लिए यह सही है। वर्षा में वृक्षों का बढ़ना आसान हैं? यह सारा अस्तित्व उसी से पैदा हुआ है। वह बाप सिर्फ है। गर्मी में थोड़ा कठिन हो जाता है, लेकिन असंभव नहीं। जीसस का नहीं हो सकता, सभी का है। समानरूपेण सभी का | अगर पानी सींचने की व्यवस्था की तो गर्मी में भी बढ़ेंगे। ऐसे ही बढ़ेंगे। कोई बाधा नहीं है। और जीसस निरंतर दोहराते रहे कि जो मेरा पिता है वह तुम्हारा | ___ मनुष्य की जीवन-यात्रा में भी ऐसे बहुत-से पल आते हैं, जब भी पिता है। लेकिन ईसाई पंडित दोहरता है कि नहीं, इकलौते मोक्ष आसान हो जाता है। खासकर उन क्षणों में, जब बुद्ध या बेटे। क्यों? क्योंकि बामुश्किल वह इंतजाम जमा पाया दो | | महावीर जैसा व्यक्ति मोक्ष को उपलब्ध होता है, तो वह द्वार हजार साल में। दो हजार साल में जीसस को मिटाने में वह खोलकर खड़ा हो जाता है। उस वक्त जिनकी थोड़ी भी हिम्मत सफल हो पाया। लीप-पोत डाला उसने सब। जो भी क्रांति की होती है, साहस होता है, वे मोक्ष की यात्रा पर गतिमान हो जाते संभावना थी, सब समाप्त कर दी। दो हजार साल लग गए इस हैं। अगर महावीर जैसे व्यक्ति की मौजूदगी में भी तुम्हारे भीतर एक आदमी के अंगार को बुझाने में या राख से ढांकने में। अब | साहस पैदा नहीं होता तो जब महावीर जैसा व्यक्ति तुम्हें न फिर कोई अंगार हो जाए, फिर कोई उदघोषणा कर दे, फिर झंझट मिलेगा, तब तुममें साहस पैदा होगा इसकी आशा करना कठिन पैदा हो। यहदियों ने इसीलिए जीसस को मारा कि इस आदमी ने है। तब तुम धारे के साथ बह सकते हो। महावीर एक लहर की उपद्रव खड़ा कर दिया। तरह हैं। हवा जा रही है दूसरे किनारे की तरफ, तुम नाव में पाल जाग्रत पुरुष विद्रोही होगा ही। जाग्रत पुरुष ऐसी बातें कहेगा | बांध दो और छोड़ दो; पतवार भी नहीं चलानी पड़ती। ही, जो अंधों के समाज को बेचैन करेंगी। जाग्रत पुरुष इस तरह तो अनुकूल समय होते हैं, प्रतिकूल समय होते हैं, यह बात की जीवन दिशा देगा ही. जिससे भीड-भडक्का में चलनेवाले सच है। अनकल देश होते हैं. प्रतिकल लोग बड़ी दुविधा में पड़ेंगे, अब क्या करें! उम्र होती है, प्रतिकूल उम्र होती है। सुअवसर होते हैं, जिनका क्योंकि जाग्रत पुरुष विकल्प देता है। और जाग्रत पुरुष एक | कोई उपयोग कर ले तो जल्दी घटना घट जाए। कठिन अवसर वैकल्पिक समाज भी देता है। वह कहता है, यही एकमात्र मार्ग होते हैं। लेकिन असंभव है इस आरे में किसी व्यक्ति का मोक्ष नहीं है, जिस पर तुम चल रहे हो। यह तो कोई मार्ग ही नहीं है। पाना, यह बात फिजूल है। क्योंकि परमात्मा के लिए सब समय और जाग्रत पुरुष का बल, उसकी चुंबकीय शक्ति सब चीजों को समान हैं। और तुम जानकर चकित होओगे, यह धारणा सभी अस्त-व्यस्त कर जाती है। जहां-जहां तुमने घरगूले बना रखे थे, | कालों में रही है। जीसस को यहूदियों ने कहा कि तुम पा नहीं 449 ___Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.340153
Book TitleJinsutra Lecture 53 Piya ka Gav
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages1
LanguageHindi
ClassificationAudio_File, Article, & Osho_Rajnish_Jinsutra_MP3_and_PDF_Files
File Size41 MB
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