________________ प्रश्न-सार नरहरि कैसे भगति करूं मैं तोरी चंचल है मति मोरी! आपने कहा कि जहां उत्कट प्यास होगी वहां पानी को आना ही पड़ेगा। अब पानी तो आ गया है; लेकिन क्या मैं तुरंत अंजुलि भरकर पीना शुरू करूं, या पानी मुंह तक आ जाए, इसकी प्रतीक्षा करूं? आपके प्रति इतना प्रेम रहते हुए भी आपको सुनते वक्त कभी-कभी अकुलाहट और क्रोध क्यों उठने लगता है ? Jain Education International For Private & Personal Use Only wwwjainelibrary.org