________________ प्रश्न-सार कृष्ण कहते हैं कि मारो और महावीर कहते हैं कि हिंसा का विचारमात्र हिंसा है। दोनों में श्रेष्ठ कौन है? बहुत समय से मैं आपके पास हूं और मैं बहुत अज्ञानी और निर्बुद्धि हूं यह आप भलीभांति जानते हैं। आपकी कही अनेक बातें मेरे सिर पर से गुजर जाती हैं। परमात्मा की प्यास का मुझे कुछ पता नहीं। फिर मैं क्यों यहां हूं और यह ध्यान-साधना वगैरह क्या कर रही हूं? जीवन व अस्तित्व के परम सत्यों की क्या निरपेक्ष अभिव्यक्ति संभव नहीं है? किसी प्यासे को जब मैं आपके पास लाती हूं तो वह मुझसे दूर हो जाता है। मुझे एक तड़प-सी होती है। लेकिन 'तेरी जो मर्जी' कहकर गा पड़ती हूं : 'राम श्री राम जय जय राम।' Jain Education International For Private & Personal Use Only wwjainelibrar.org