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________________ अंतस-बाह्य संबंधों से मुक्ति यह कलह इतनी बढ़ गयी कि इस कलह को सुलझाने का कोई उपाय न रहा। तो लिलिथ ने परमात्मा से प्रार्थना की कि मुझे अपने में विलीन कर लो / लिलिथ विलीन हो गयी। फिर दूसरी कथा यह है कि फिर आदमी अकेला हो गया और अकेले में भी उसको बेचैनी होने लगी। आदमी की बड़ी कठिनाई है। अकेला भी नहीं रह सकता और किसी के साथ भी नहीं रह सकता। अकेला रहे तो लगता है, जीवन में कछ भी नहीं है और किसी के साथ रहे तो जीवन कलह से भर जाता है। तो उसको अकेला, उदास, परेशान देखकर परमात्मा ने फिर स्त्री बनायी / लेकिन इस बार उसका ही एक स्पेअर पार्ट, उसकी एक हड्डी निकालकर बनायी / दूसरी स्त्री ईव, यह दूसरी स्त्री परमात्मा ने बनायी नम्बर दो, ताकि कलह न हो। ये दोनों कहानियां बड़ी प्रीतिकर हैं। पहली कहानी भूल गयी है, दूसरी कहानी जारी है। सोचा उसने जरूर होगा कि अब कलह न होगी, क्योंकि मनुष्य की ही हड्डी से बनायी हुई स्त्री है। लेकिन कलह में इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। असल में जब भी हम दूसरे पर निर्भर होते हैं, तो कलह शुरू हो चुकी; और दूसरा हम पर निर्भर हो चुका / और जिस पर हम निर्भर सभी संबंध आत्माओं का हनन करते हैं। जैसे ही हम संबंधित होते हैं कि मेरी जो निजता थी, मेरा जो अपना होना था, टू बी माइ सेल्फ, वह नष्ट होने लगा। दूसरा प्रविष्ट हो गया। दूसरा भी अपना काम शुरू करेगा। वह चाहेगा कि मैं ऐसा होऊं। और मैं भी यही चाहूंगा कि दूसरा ऐसा हो। कलह शुरू हो गयी। बाइबिल की कथा के हिसाब से पिछले पांच हजार सालों में अदम और उसकी स्त्री, दोनों के बीच जो संबंध थे, उसमें अदम मालिक था और स्त्री गुलाम थी। यह अदम और ईव की कथा चलती रही। लेकिन अब पश्चिम में ईव ने लिलिथ बनना शुरू कर दिया है। अब वह समान हक मांग रही है। दूसरी कहानी आनेवाली सदी में महत्वपूर्ण हो जायेगी। स्त्रियां यहां तक पश्चिम में दावा कर रही हैं, जो बड़े महत्वपूर्ण हैं, सही भी हैं-समानता के दावे...। लेकिन जैसे ही समानता खड़ी होती है, कलह कम नहीं होती और बढ़ जाती है। स्त्रियां सोचती हैं, समानता हो जाये तो कलह कम हो जायेगी। ब भी संबंधित होंगे और एक-दसरे पर निर्भर होंगे. और एक-दसरे को बदलने की कोशिश करेंगे अपने अनुसार, तब कलह होगी ही क्योंकि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की आत्मा में प्रवेश कर रहा है और गुलामी निर्मित करने की कोशिश कर रहा है। पश्चिम में एक स्त्री, जो कि एक समूह का नेतृत्व कर रही थी, और पुलिस ने उस समूह पर हमला किया और उस स्त्री के पास खड़ी एक स्त्री को चोट लग गयी और वह रोने लगी, तो उस स्त्री ने कहा : घबड़ाओ मत, गॉड इज सीइंग एवरीथिंग। ऐण्ड शी विल ड्र जस्टिस। ईश्वर सब देख रहा है लेकिन शी विल ड्र। ___ ईश्वर को भी 'ही' कहना पश्चिम में स्त्रियों ने बंद कर दिया है, क्योंकि वह पुरुष सूचक है। परमात्मा भी स्त्री है। और पुरुषों ने ज्यादती की है अब तक उसको पुरुष कहकर। ___ कलह आखिरी सीमा पर पश्चिम में आकर खड़ी है, जहां परिवार पूरी तरह टूट जाने को है। लेकिन परिवार पूरी तरह टूट जाये, इससे कलह बंद नहीं होती, कलह सिर्फ फैल जाती है; एक स्त्री से न होकर बहुत स्त्रियों से होने लगती है। संबंध के भीतर कलह क्यों है, इसे थोड़ा समझ लेना जरूरी है। और संबंध को हम कैसा ही बनायें, कलह होगी। महावीर का क्या सूत्र है इस कलह के बाहर जाने का? 535 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.340053
Book TitleMahavir Vani Lecture 53 Antasa Bahya Sambandho se Mukti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages1
LanguageHindi
ClassificationAudio_File, Article, & Osho_Rajnish_Mahavir_Vani_MP3_and_PDF_Files
File Size73 MB
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