________________ धम्म-सूत्र धम्मो मंगलमुक्किठें, अहिंसा संजमो तवो। देवा वि तं नमंसन्ति, जस्स धम्मे सया मणो।। धर्म सर्वश्रेष्ठ मंगल है। (कौन सा धर्म?) अहिंसा, संयम और तपरूप धर्म। जिस मनुष्य का मन उक्त धर्म में सदा संलग्न रहता है, उसे देवता भी नमस्कार करते हैं। 190 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org