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________________ तप : ऊर्जा-शरीर का अनुभव से लपटें निकाल सकते हैं। एक व्यक्ति है स्विस, जो अपने हाथ में पांच कैंडल का बल्ब रखकर जला सकता है, सिर्फ ध्यान से। सिर्फ वह ध्यान करता है भीतर कि उसकी जीवन अग्नि बहनी शुरू हो गयी हाथ से और थोड़ी ही देर में बल्ब जल जाता है। पिछले कोई पंद्रह वर्ष पहले हालैंड की एक अदालत ने एक तलाक स्वीकार किया। और वह तलाक इस बात से स्वीकार किया कि वह जो स्त्री थी, उसके भीतर कुछ दुर्घटना घट गयी थी। वह एक कार के एक्सीडेंट में गिर गयी, पत्नी। और उसके बाद जो भी उसको छुए उसे बिजली के शाक लगने शुरू हो गए। उसके पति ने कहा - मैं मर जाऊंगा। इसे छूना ही असम्भव है। यह पहला तलाक है क्योंकि इस कारण से पहले कभी कोई तलाक नहीं हुआ था। कानून में कोई जगह न थी, क्योंकि कानून ने कभी सोचा न था। लेकिन यह तलाक स्वीकार करना पड़ा। उस स्त्री की अन्तर-ऊर्जा में कहीं लीकेज पैदा हो गया। ___ आपके शरीर में भी ऋण और धन विद्युत ऊर्जा का वर्तुल है। उसमें कहीं से भी टूट पैदा हो जाए तो आपके शरीर से भी दूसरे को शाक लगना शुरू हो जाएगा। और कभी कभी आपको किसी अंग में अचानक झटका लगता है, वह इसी आकस्मिक लीकेज का कारण है। आप आकस्मिक... कभी आप रात लेटे हैं और एकदम झटका खा जाते हैं। उसका और कोई कारण नहीं है। सोते वक्त आपकी ऊर्जा को शांत होना चाहिए आपकी निद्रा के साथ, वह नहीं हो पाती। व्यवधान पैदा हो जाता है। शाक खा सकते हैं आप। ___यह जो अन्तर-ऊर्जा है, हिप्नोसिस के प्रयोगों ने इस पर बहुत बड़ा काम किया है। सम्मोहन के द्वारा आपकी अन्तर-ऊर्जा को कितना ही घटाया और बढ़ाया जा सकता है। जो लोग आग के अंगारों पर चलते रहे हैं, मुसलमान फकीर, सूफी फकीर या और योगी - उनके चलने का कल कारण, कल रहस्य इतना है कि वह अपनी अन्तर-ऊर्जा को इतना जगा लेते हैं कि आग के कम पड़ती है। और कोई कारण नहीं है। रिलेटिवली, सापेक्ष रूप से आपकी गर्मी कम हो जाती है इसलिए अंगारे ठण्डे मालूम पड़ते हैं। उनके शरीर की गर्मी, अन्तर-ऊर्जा का प्रवाह इतना तीव्र होता है कि उस प्रवाह के कारण बाहर की गर्मी कम मालूम होती है। गर्मी का अनुभव सापेक्ष है। अगर आप अपने दोनों हाथ ... एक हाथ को बर्फ पर रखकर ठण्डा कर लें और अपने एक हाथ को आग की सिगड़ी पर रखकर गर्म कर लें। फिर दोनों हाथ को एक बाल्टी में डाल दें, पानी से भरी हुई, तो आपके दोनों हाथ अलग-अलग खबर देंगे। एक हाथ कहेगा - पानी बहुत ठण्डा है; एक हाथ कहेगा - पानी बहुत गर्म है। जो हाथ ठण्डा है वह कहेगा पानी गर्म है, जो हाथ गर्म है वह कहेगा पानी ठण्डा है। आप बड़ी मुश्किल में पड़ेंगे कि वक्तव्य क्या दें। अगर अदालत में गवाही देनी हो कि पानी ठण्डा है या गर्म? क्योंकि आप... साधारणतः हमारे शरीर का ताप एक होता है, इसलिए हम कह सकते हैं पानी ठण्डा है या गर्म। एक हाथ को गर्म कर लें. एक को ठण्डा. फिर एक ही बाल्टी में डाल दें। आप मश्कि और आपको महावीर का वक्तव्य देना पड़ेगा - शायद पानी गर्म है, शायद पानी ठण्डा है-परहेप्स। बायां हाथ कहता है, ठण्डा है, दायां हाथ कहता है, गर्म है। पानी क्या है फिर? आपका वक्तव्य सापेक्ष है। आप जो कह रहे हैं, वह वक्तव्य पानी के संबंध में नहीं, आपके हाथ के संबंध में है। अगर आपकी अन्तर-ऊर्जा इतनी जग गयी, तो आप अंगारे पर चल सकते हैं और अंगारे ठण्डे मालूम पड़ेंगे। पैर पर फफोले नहीं आएगे। इससे -उल्टी घटना हिप्नोसिस में घट जाती है। अगर मैं आपको हिप्नोटाइज करके बेहोश कर दं, जो कि बड़ी सरल-सी बात है, और आपके हाथ पर एक साधारण-सा कंकड़ रख दूं और कहूं कि अंगारा रखा है, आपका हाथ फौरन जल जाएगा। आप कंकड़ को फेंककर चीख मार देंगे। यहां तक ठीक है, आपके हाथ पर फफोला आ जाएगा। क्या, हुआ क्या? जैसे ही मैंने कहा कि अंगारा रखा है, आपके हाथ की ऊर्जा घबराहट में पीछे हट गयी। रिलेटिव गैप, जगह हो गयी। खाली जगह हो गयी, हाथ जल 155 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.340009
Book TitleMahavir Vani Lecture 09 Tap Urja Sharir ka Anubhav
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages1
LanguageHindi
ClassificationAudio_File, Article, & Osho_Rajnish_Mahavir_Vani_MP3_and_PDF_Files
File Size71 MB
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